महाराष्ट्र में डेंगू, चिकनगुनिया के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. उन्होंने 15 नगर निगमों को तत्काल कदम उठाने का आदेश दिया है. आदेश के मुताबिक, नगर निगम प्राथमिकता के आधार पर कर्मियों की नियुक्ति रोजाना 200 घरों का दौरा करने और अगले पांच महीनों तक मच्छर के प्रजनन स्थलों की जांच करने के लिए करेंगे क्योंकि महाराष्ट्र में डेंगू और चिकनगुनिया के मामले दोगुना से ज्यादा हो गए हैं.
महाराष्ट्र में डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों ने बढ़ाई परेशानी
राज्य में 14 सितंबर तक डेंगू के 6,374 और चिकनगुनिया के 1,537 मामले दर्ज किए गए. डेंगू वायरल बुखार के कारण 11 लोगों की मौत हो चुकी है. पिछले साल इसी अवधि में चिकनगुनिया के 422 और डेंगू के 2,029 मामले जबकि बीमारी से 4 मौत दर्ज की गई थी. 15 सितंबर को जारी नोटिफिकिशेन में नगर निगमों को प्रजनन स्थल 'चेकर' नियुक्त करने का आदेश दिया गया है. उनकी प्रमुख भूमिका रोजाना 200 घरों का दौरा करने और मच्छर के प्रजनन स्थलों की जांच करना है. कर्मी को रोजाना भत्ते के रूप में 450 रुपये मिलेंगे और इस मकसद के लिए 39.38 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं. नोटिफिकेशन के मुताबिक, कुल 470 ऐसे कर्मियों की नियुक्ति की जाएगी.
15 नगर निगमों को तत्काल कदम उठाने का आदेश दिया गया
पुणे नगर निगम को 70 कर्मियों की नियुक्ति का आदेश दिया गया है जबकि नासिक, ठाणे, पिंपरी-चिंचवड, कोल्हापुर और दूसरे हर नगर निगमों में 25 कर्मी बहाल होंगे. नागपुर न्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन और नवी मुंबई म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन दोनों को 50 ऐसे कर्मियों की भर्ती करने को कहा गया है. स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त डेटा बताते हैं कि नागपुर में 1,016 डेंगू के मामले, वर्धा में 291, सतारा में 243, पुणे में 234, चंद्रपुर में 212, अमरावती में 197, यवतमाल में 196, नासिक में 174 डेंगू के मामले सामने आए. पुणे और नासिक जिलों में भी चिकनगुनिया के मामले बढ़े हैं. पुणे में जहां 301 मामले सामने आए, वहीं नासिक में 192 मामलों का खुलासा हुआ.
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राज्य के कीट वैज्ञानिक डॉक्टर महेंद्र जगताप इंडियन एक्सप्रेस को बताते हैं कि रुक-रुक कर बारिश और उपयुक्त मौसम की स्थितियां इस साल डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों में बढ़ोतरी का कारण हैं. राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि शहरी क्षेत्रों में कई निर्माण गतिविधियां चल रही हैं जहां जल भराव एडीज एजिप्टी मच्छर के लिए प्रजनन स्थल साबित हो रहा है, जो डेंगू और चिकनगुनिया का कारण बनता है.