Deoband Roorkee Rail Line: UPA सरकार में ऐलान, NDA सरकार में बढ़ी इस रेल लाइन की रफ्तार; दिल्ली से हरिद्वार के बीच कम हो जाएगी दूरी
Deoband Roorkee Railway Track: नई दिल्ली से हरिद्वार जाने वाले यात्रियों को एक बड़ी सुविधा जल्द ही मिलती दिखाई देगी. देवबंद और रुड़की के बीच रेलवे ट्रैक का काम स्पीड से हो रहा है.
Indian Railways: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को जोड़ने वाली रेलवे लाइन का काम जोरों पर चल रहा है. देवबंद-रुड़की रेल लाइन का निर्माण कार्य इस साल के आखिरी तक पूरे होने की संभावना है. इस लाइन के पूरे होन के बाद दिल्ली से हरिद्वार की दूरी कम होगी और पहुंचने में एक घंटे का समय लगेगा. इस वक्त इस रेल लाइन पर स्पीड में काम चल रहा है.
लगभग 28 किमी. की इस रेलवे लाइन के बनने के बाद ट्रेन से नई दिल्ली से हरिद्वार पहुंचने में एक घंटा बचेगा. इसके अलावा सहारनपुर रूट पर भी डेढ़ से दो घंटे का समय बच जाएगा. देवबंद और रुड़की के बीच रेलवे लाइन की घोषणा साल 2006 में यूपीए शासनकाल में की गई थी. इसके बाद इसका काम कई सालों तक लटका रहा. इससे पहले कोविड काल में भी इसका काम लटका रहा.
भूमि अधिग्रहण की प्रकिया भी हुई पूरी
हालांकि अब इसका निर्माण कार्य पूरा होने के करीब है और इसने रफ्तार पकड़ी हुई है. उत्तर प्रदेश में इस रेलवे ट्रैक की लंबाई 17 किमी. और उत्तराखंड में 10 किमी. है. रेलवे लाइन यूपी के सहारनपुर में 14 गांवों से होकर गुजरती है. इन गावों में मंझौल जबरदस्तपुर, जाटौल,बंहेड़ा खास, साल्हापुर, माजरी, नियामत, रामपुर, चकरामबाडी, दिवालहेड़ी, दुनीचंदपुर, असदपुर करंजाली, नूरपुर और देवबंद हदूद की 87 हेक्टेयर की जमीन का अधिग्रहण हुआ है. उत्तराखंड में हरिद्वार जिले के 11 गांवों से भी करीब 50 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण हो चुका है.
साल के अंत तक जब ये रेलवे ट्रैक बनकर तैयार होगा तब दिल्ली से रुड़की दूरी 33 किमी. कम हो जाएगी. मौजूदा समय में ट्रेन रुड़की वाया टपरी होकर जाती है. इसके बाद रुड़की सीधे देवबंद से जुड़ जाएगी. ट्रैक के बनने से मुख्य रेल मार्ग पर भी ट्रैफिक कम हो जाएगा.
दिल्ली से हरिद्वार जाने में इस तरह बचेगा एक घंटा
मौजूदा समय में ट्रेन दिल्ली से हरिद्वार के लिए मुजफ्फरनगर या सहारनपुर होते हुए जाती है. इसमें से टपरी और सहारनपुर मेन रूट हैं. देवबंद से टपरी वाया रुड़की की दूरी 60 किमी है और सहारनपुर से रुड़की के बीच की दूरी 76 किमी. है. इन दोनों शहरों के बीच बहुत ज्यादा घुमाव हैं जिसकी वजह से ट्रेन स्पीड में नहीं चल पाती. ये दूरी दो घंटे में पूरी हो पाती है. इस रेल ट्रैक के बनने के बाद दूरी में 28 किमी. कम हो जाएंगे. साथ ही सीधे ट्रैक से स्पीड भी मेंटेन रहेगी.
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