प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के देवघर में हुए रोपवे हादसे के बाद बचाव अभियान में शामिल रहे भारतीय वायु सेना, सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों और सामाजिक संस्थाओं के सदस्यों से बात की. रोपवे हादसे के बाद करीब 46 घंटे तक देवघर में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था, जिसमें 56 पर्यटकों की जान बचाई गई. 


दुख है कि कई साथियों को नहीं बचा सके - पीएम 
पीएम मोदी ने इस अहम रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल अधिकारियों और जवानों से बात करते हुए कहा कि, आपने लोग तीन दिनों तक 24 घंटे लगकर एक मुश्किल रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा किया और कई देशवासियों की जान बचाई है. पूरे देश ने आपके इस साहस को सराहा है. मैं बाबा वैद्यनाथ जी की कृपा मानता हूं, हालांकि मुझे दुख है कि कई साथियों की जान हम नहीं बचा पाए. कुछ लोग घायल भी हुए हैं. पीड़ित परिवारों के प्रति हमारी पूरी संवेदना है और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं. 


'इस दुर्घटना से मिले कई सबक'
पीएम मोदी ने कहा कि, जिसने भी इस ऑपरेशन को देखा वो हैरान था, परेशान था... आप लोग तो वहां मौजूद थे, आपके लिए कितनी मुश्किल परिस्थिति रही होगी, इसकी कल्पना की जा सकती है. लेकिन देश को गर्व है कि उसके पास हमारी थल सेना, हमारी वायुसेना, हमारे एनडीआरएफ के जवान, आईटीबीपी और पुलिसबल के जवानों के रूप में ऐसी कुशल फोर्स है जो देशवासियों को हर संकट से सुरक्षित बाहर निकालने का मद्दा रखती है. इस दुर्घटना से कई सबक हमें भी मिले हैं. आपके अनुभव भविष्य में काफी ज्यादा काम आने वाले हैं. 


इस दौरान पीएम मोदी ने तमाम अधिकारियों और जवानों से ये जाना कि कैसे उन्होंने इस रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया. एनडीआरएफ के अधिकारी ने बताया कि, कैसे वो मौके तक पहुंचे और स्थानीय लोगों के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. उन्होंने बताया कि हमें सबसे पहले एक घायल महिला मिली, जिसे तुरंत अस्पताल तक पहुंचाया गया. 


देवघर में क्या हुआ था?


बता दें कि झारखंड के देवघर में त्रिकुट पर्वत पर पर्यटकों के लिए बने रोपवे की केबल कारों में 10 अप्रैल की शाम टक्कर हो गई. इसके बाद यहां 1500 से 2000 फीट की उंचाई पर 25 केबल कारों में कई लोग फंस गए. जिन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ. इसके बाद करीब 46 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद वायुसेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और सेना के जवानों ने एमआई 17 हेलीकॉप्टरों की मदद से फंसे हुए लोगों को बचा लिया, जबकि 3 लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए. दो लोगों की मौत हेलीकॉप्टर से बचाए जाने के दौरान नीचे गिर जाने से हुई. 


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