Deoghar Ropeway Accident: 1500 फुट ऊंचा, 2009 में आगाज, भारत का सबसे ऊंचा रोप वे जहां जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे 32 लोग
त्रिकूटी पर्वत पर रोप वे में आई खराबी के कारण कई पर्यटक ट्रॉली में फंस गए हैं. ये घटना रविवार दोपहर 3 बजे की है. कुल 48 लोगों के फंसने की जानकारी है, जिसमें से 16 को बचा लिया गया है.
झारखंड के देवघर में हादसा हो गया है. यहां के त्रिकूटी पर्वत पर रोप वे में आई खराबी के कारण कई पर्यटक ट्रॉली में फंस गए. ये घटना रविवार दोपहर 3 बजे की है. कुल 48 लोगों के फंसने की जानकारी है, जिसमें से 16 को बचा लिया गया है. पर्यटक करीब 20 घंटे से फंसे हैं. जो पर्यटक फंसे हैं वो बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड के हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हालात पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने हादसे, राहत और बचाव कार्य की जानकारी ली. वह रविवार शाम से हालात पर नजर बनाए हुए हैं. NDRF और सेना की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी है.
राज्य सरकार के विशेष अनुरोध पर इंडियन एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर द्वारा फंसे यात्रियों के सकुशल वापसी हो रही.. हेलीकॉप्टर के माध्यम से सभी फंसे पर्यटकों को सकुशल ट्रॉली से नीचे उतारा जा रहा. घटना में एक पर्यटक की मृत्यु हो गई है. एक गंभीर रूप से घायल है जिसे बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया है. जिला के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री और पुलिस कप्तान सुभाष चंद्र जाट कल से ही घटनास्थल पर कैंप किए हुए हैं.
भारत का सबसे ऊंचा रोप वे है त्रिकुटी रोपवे
त्रिकुटी की सबसे ऊंची चोटी समुद्र तल से 2470 फीट ऊपर देवघर शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी देवघर-दुमका रोड पर मोहनपुर ब्लॉक में है. रोप वे जमीन से लगभग 1500 फीट की ऊंचाई पर है. त्रिकुटी पहाड़ की तलहटी मयूराक्षी नदी से घिरी हुई है. रोप वे की लंबाई लगभग 766 मीटर (2512 फीट) है. त्रिकुट रोप वे मे पर्यटकों के लिए कुल 26 केबिन हैं. चोटी तक पहुंचने के लिए केवल 8 से 10 मिनट लगते हैं. रोप वे से जाने के लिए 130 रुपये खर्च करने होते हैं.
2009 में हुई रोप वे की शुरुआत
ये झारखंड का यह एक मात्र रोप वे है. यह सतह से 800 मीटर की उंचाई पर है. रोप वे का समय नियमित रूप से सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक होता है.
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