नई दिल्ली: मुजफ्फरपुर और देवरिया के शेल्टर हाउस में रह रही नाबालिगों के साथ कथित रेप और अत्याचार पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी की सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. उन्होंने सीधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि शर्मनाक वारदातों पर वो चुप हैं. वो बुलेट ट्रेन के बारे में बोलते हैं लेकिन महिलाओं पर अत्याचार होता तो कुछ नहीं बोलते. राहुल गांधी ने दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसए) में महिलाओं की कोई कद्र नहीं है. देश में बीजेपी, मोदी और आरएसएस की विचारधारा ने आग लगा दी है.


कांग्रेस महिला मोर्चा की ओर से आयोजित महिला अधिकार सम्मेलन में पहुंचे राहुल ने कहा, ''पिछले चार सालों में महिलाओं के खिलाफ जितनी वारदातें हुई हैं, उतनी पिछले 70 सालों में नहीं हुई. रेप जैसी वारदातों पर प्रधानमंत्री एक शब्द नहीं कहते हैं. उत्तर प्रदेश और बिहार में महिलाओं का रेप होता है, प्रधानमंत्री के मुंह से एक शब्द नहीं निकलता है.''


उन्होंने कहा कि बीजेपी के एमएलए से बेटियां बचानी है. बड़े भाषणों के बाद बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ प्रोग्राम अनाउंस किया, 40 लाख रुपये हर जिले में बेटियों को बचाने के लिये दिया.


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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ''जो उनका (पीएम मोदी) रिमोट कंट्रोल का संगठन है आरएसएस, उसके दरवाजे महिलाओं के लिये बंद हैं, आरएसएस में एक महिला न तो आज, न कभी जा सकती है. बीजेपी-आरएसएस की विचारधारा है कि देश को केवल पुरूष चला सकते हैं. पुरूष आगे, महिलाएं पीछे. जिस दिन आरएसएस में एक महिला घुस गई उस दिन आरएसएस आरएसएस नहीं रहेगा.''


महिला आरक्षण
राहुल ने कहा कि अगर ये महिला आरक्षण बिल पास करेंगे तो हमारी पार्टी पूरा समर्थन करेगी. अगर नहीं करेंगे तो जैसे ही हमारी सरकार आयेगी हम बिल पास करेंगे. उन्होंने पार्टी में महिलाओं की भागीदारी पर कहा, ''अगर महिलाओं की 50 प्रतिशत आबादी है तो फिर उनको इस संगठन में भी 50 फीसदी जगह मिलनी चाहिए. हमारा लक्ष्य महिलाओं को हर लेवल पर लीडरशिप में शामिल करने का है.''


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