देवरिया बालिका गृह: 10 प्वाइंट्स के जरिए जानें रूह कंपा देने वाली इस घटना में अबतक क्या-क्या हुआ?
नई दिल्ली: पिछले महीने ही बिहार के मुजफ़्फ़पुर के बालिका गृह में बच्चियों से रेप की खबर ने देश भर के होश उड़ा दिए थे और ये बहस छिड़ गई कि लड़कियां एनजीओ के संरक्षण में भी सुरक्षित नहीं हैं. अब उत्तर प्रदेश के देवरिया स्थित मां विंध्यवासिनी बालिका गृह में बच्चियों के यौन उत्पीड़न के मामला सामने आया है जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. देवरिया के इस बालिका गृह में कुल 42 बच्चियां रह रही थी जिनमें से 24 को निकाला जा चुका है और 18 बच्चियों का कोई पता नहीं है. 5 अगस्त से रोशनी में आए इस मामल में अबतक क्या-क्या हुआ है इसे कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओ के जरिए समझें.
1. 5 अगस्त को मां विंध्यवासिनी बालिका गृह से बच्ची किसी तरह बचकर निकली और थाने जा पहुंची. बच्ची ने पुलिस को बालिका गृह में चल रही हैवानियत के बारे में पुलिस को बताया. पुलिस के मुताबिक बच्ची ने कहा कि उसके साथ बालिक गृह में नौकरों से भी बुरा बर्ताव होता है. उसने आगे बताया कि वहां कार आतीं हैं और 15 साल की उम्र की लड़कियों को कार से कहीं भेजा जाता है. जब ये लड़किया सुबह बालिका गृह लौटती हैं तो बस रोती हैं और वजह पूछने पर कोई जवाब नहीं देतीं.
2. पुलिस बालिका गृह पहुंची और 24 बच्चियों को सुरक्षित बाहर निकाला. जब पुलिस ने बालिका गृह का रजिस्टर देखा तो वहां 42 लड़कियों को नाम थे. बालिका गृह से 18 लड़कियां लापता हैं और वो कहां हैं इसकी कोई जानकरी अबतक नहीं मिल सकी है.
3. इस बालिका गृह में से निकाली गई 24 बच्चियों के सात यौन शोषण की आशंका है. हालांकि अभी तक बच्चियों की मेडिकल जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है.
4. पुलिस ने आरोपी और बालिका गृह संचालिका गिरिजा त्रिपाठी को उसके पति मोहन त्रिपाठी और बेटे प्रदीप के साथ गिरफ्तार कर लिया है. आज यानी 7 अगस्त को गिरिजा त्रिपाठी की बेटी कंचनलता को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
5. पुलिस ने बताया कि इस बालिका गृह को अवैध रूप से चलाया जा रहा था. इसका लाइसेंस साल 2017 में ही निलंबित कर दिया गया था. सीबीआई ने अपनी जांच रिपोर्ट में इस बालिका गृह से जुड़ी अनियमितताओं की जानकारी दी थी जिसके बाद इसे बंद करने के और सभी बच्चियों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के आदेश दिए गए. संचालिका गिरिजा त्रिपाठी ने हाई कोर्ट से मिली स्टे की बात कहकर ये बालिका गृह चलाती रही.
6. मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर देवरिया के जिलाधिकारी सुजीत कुमार को हटा दिया गया. देवरिया के डीपीओ रहे अभिषेक पाण्डेय को निलम्बित कर दिया गया.
7. जिला मजिस्ट्रेट सुजीत कुमार का कहना है कि उनके पास 42 लड़कियों की लिस्ट है जो इस बालिका गृह में रह रही थी. योगी सरकार ने सुजीत सरकार को पद से हटाने तत्काल आदेश दिए हैं.
8. कांग्रेस ने इस पूरे मामले में सीबीआई जांच की मांग की है. समाजवादी पार्टी ने मौजूदा सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर ना होने का आरोप लगाया है.
9. बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि बिहार में मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की तरह ही उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के नारी संरक्षण गृह में महिलाओं के साथ जबरन देह व्यापार का घिनौना काण्ड यह साबित करता है कि भाजपा की सरकारों के शासन में कितनी ज़्यादा अराजकता है और महिलाएं किस कदर असुरक्षित और दुर्दशाग्रस्त हैं. यह पूरे देश के लिये गहरी चिंता और शर्म की बात है.
10. इस बालिका गृह को यूपी सरकार की ओर से तीन साल पहले तक अनुदान दिया जाता था. बिहार के बेतिया जिले की एक बच्ची यहां रह ही थी किसी तरह दिवाल फांद कर रविवार की रात बाहर निकल सकी और पुलिस स्टेशन पहुंच कर अपनी आप बीती सुनाई. जिसके बाद ये घटना दुनिया के सामने आ सकी.