नई दिल्ली: पुराने नोट जमा कराने को लेकर सरकार की लाइन लगातार बदलती जा रही है. सरकार ने पहले कहा था कि तीस दिसंबर तक लोग बैंक में नोट जमा कर सकते हैं. ढाई लाख तक जमा करने पर कोई सवाल नहीं पूछा जाएगा. लेकिन कल नोटिफिकेशन आया कि पांच हजार या उससे ऊपर एक बार ही जमा किया जा सकता है और जमा करने पर सवाल भी पूछे जाएंगे.
12 नवंबर को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था, ‘’मेरी केवल इतनी अपील है कि 30 दिसंबर तक पैसा जमा करने की सुविधा उपलब्ध है. ऐसे में लोग आराम से पैसा जमा कर सकते हैं. शुरूआती दिनों में भीड़ ज्यादा थी. लेकिन अब भीड़ छटने लगी है.''
19 दिसंबर को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था, ''अगर कोई एक बार में पुराने पांच सौ और एक हजार रुपये के नोट जमा करता है तो कोई सवाल नहीं पूछा जाएगा, लेकिन बार-बार पैसा जमा करने पर सवाल पूछे जाएंगे.''
सरकार की तरफ से बार-बार नियम बदलने को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमला बोल रही है, जबकि सरकार का कहना है कि जनता के हित में ही नियम बदले जा रहे हैं.
कांग्रेस के प्रवक्ता संजय झा ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा, ''सरकार के पास नोटबंदी से निपटने के लिए कोई प्लान नहीं है. मोदी जी देश के साथ विश्वासघात कर रहे हैं. लोग मर रहे हैं और मोदी सरकार लगातार नियमों में बदलाव कर जनता को परेशान कर रही है.''
बीजेपी के नेता सिद्दार्थनाथ सिंह ने कहा, ''कोई नियम नहीं बदले जा रहे हैं. कभी-कभी योजनाओं को लागू करने के लिए कुछ बदलाव करने पड़ते हैं. नोटबंदी से किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए क्योंकि इसका लक्ष्य काले धन और भ्रष्टाचार को खत्म करना है.''
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