Swarn Gram Panchayat Campaign Launched: आंध्र प्रदेश सरकार ने ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए "स्वर्ण ग्राम पंचायत" नामक एक नवीन पहल की शुरुआत की है. इस अभियान का उद्देश्य राज्य भर में उपेक्षित ग्राम पंचायतों का पुनर्जीवन करना और उन्हें स्थायी विकास की दिशा में अग्रसर करना है.


23 अगस्त को आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और पंचायत राज मंत्री, कोनिडेला पवन कल्याण ने राज्य के 13,326 ग्राम पंचायतों में एक साथ ग्राम सभाओं का आयोजन किया. इस आयोजन के माध्यम से इस महत्वाकांक्षी स्वर्ण ग्राम पंचायत कार्यक्रम का आधिकारिक शुभारंभ हुआ.


87 प्रोजेक्ट को दी गई है मंजूरी


डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने इस मौके पर कहा कि मनरेगा योजना के तहत 87 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है, जिनमें कुल ₹4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि इन बैठकों में 9.54 करोड़ रुपये मानव-दिवस उत्पन्न करने की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा.






पंचायत प्रणाली लागू करने वाला दूसरा राज्य बना आंध्र प्रदेश


पवन कल्याण ने बताया कि आंध्र प्रदेश पंचायत प्रणाली को लागू करने वाला दूसरा राज्य है और अब इसे सशक्त बनाने के लिए द्वितीय पीढ़ी के सुधारों की शुरुआत की जा रही है. उन्होंने राज्य सरकार की पंचायत राज प्रणाली को सुदृढ़ बनाने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए बताया कि पंचायत स्तर पर राष्ट्रीय त्योहारों के आयोजन के लिए धनराशि में सौ गुना वृद्धि की गई है.






'ग्राम सभा केवल औपचारिकता नहीं होगी'


उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ग्राम सभा केवल औपचारिकता नहीं होगी, बल्कि यह लोकतंत्र की सच्ची भावना को प्रतिबिंबित करेगी. 73वें संवैधानिक संशोधन के तहत आत्मनिर्भरता और स्वशासन के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सामूहिक निर्णय लिए जाएंगे. उन्होंने अधिकारियों को इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को अत्यंत सावधानी से निभाने पर जोर दिया.


वाईएसआर सरकार पर उठाए सवाल


पवन कल्याण ने पूर्ववर्ती सरकार के दौरान पंचायती राज प्रणाली की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने पंचायत राज प्रणाली का दुरुपयोग किया और मनरेगा परियोजनाओं को लागू नहीं किया, जबकि केंद्रीय धनराशि आवंटित की गई थी. उन्होंने दावा किया कि 2019 से 2023 के बीच मनरेगा के तहत ₹40,579 करोड़ की राशि जारी की गई थी, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं दिखा.


पंचायतों को समृद्धि का केंद्र बनाने की योजना तैयार


पवन कल्याण ने पंचायतों को समृद्धि का केंद्र बनाने की योजना बनाई है, जिसमें खाली पड़ी गांव की जमीनों का उपयोग और स्थानीय विशेषताओं जैसे कि हथकरघा, शिल्प या खाद्य पदार्थों का प्रचार-प्रसार शामिल होगा. उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण गांव के विकास का एक महत्वपूर्ण पहलू होगा, और सामाजिक वनीकरण को भी आय के स्रोत के रूप में देखा जाएगा.


हर गांव को विकास की नई राह पर ले जाने का संकल्प


उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार पर सामाजिक ऑडिट की उपेक्षा करने का भी आरोप लगाया और जल जीवन मिशन में अनियमितताओं का हवाला दिया, जिसमें भूजल दोहन को लेकर चिंता व्यक्त की. उन्होंने फ्लोराइड संदूषण जैसी समस्याओं को हल करने के लिए जल पुनर्चक्रण के महत्व पर जोर दिया. इस ऐतिहासिक पहल के माध्यम से आंध्र प्रदेश के गांवों को विकास की नई राह पर ले जाने का संकल्प पवन कल्याण ने लिया है.


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