Derek O’Brien Moves Bill In Favor Of Women: पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने शुक्रवार (2 फरवरी) को महिलाओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कंटेंट को अपराध की श्रेणी में शामिल करने के लिए एक निजी विधेयक पेश किया है.
राज्यसभा में पेश इस विधेयक में उन्होंने महिलाओं के खिलाफ उनके धर्म, जाति या लिंग के आधार पर ऑनलाइन आपत्तिजनक टिप्पणी और अपमानजनक कृत्यों को अपराध की श्रेणी में लाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) में संशोधन की मांग की है.
महिलाओं के खिलाफ ऑनलाइन धमकी पर क्या मिलेगी सजा?
बिल में, ओ'ब्रायन ने महिलाओं के खिलाफ ऑनलाइन धमकियों को "संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध" बनाने का प्रस्ताव दिया है, जिसमें कम से कम तीन साल तक की जेल और 50 हजार रुपये तक के जमाने का प्रावधान शामिल हो.
ओ ब्रायन ने बिल पेश करते हुए कहा, "विधेयक में ऑनलाइन धमकियों के पीड़ित महिलाओं को आरोपी या किसी अन्य व्यक्ति, कंपनी, संगठन या समूह के खिलाफ एक दिन के भीतर जुडिशल मजिस्ट्रेट से संपर्क करने का प्रावधान है. पीड़िता को ये अधिकार होगा कि वह जुडिशल मजिस्ट्रेट से ऑनलाइन कंटेंट को तुरंत डिलीट करने, उसका रिपीटेशन रोकने, उसे स्टोर करने या शेयर करने पर रोक लगाने की मांग कर सकती है.
डेरेक ओ ब्रायन के प्रस्ताव में क्या है खास?
उन्होंने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ ऑनलाइन आपत्तिजनक टिप्पणी, अफवाह, चोट पहुंचाने अथवा यौन अपराध की धमकी की सूरत में पहले अपराध के लिए 3 साल की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना तथा दूसरे अपराध के लिए 7 साल की सजा और चार लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. विधेयक में इस बात का जिक्र है कि इसके बाद अपराध की पुनरावृत्ति होने पर सजा बढ़ाकर 10 साल और जुर्माना की राशि बढ़ाकर 10 लख रुपये कर देनी चाहिए. इसके साथ ही उनके निजी विधेयक में पीड़िता के लिए मुआवजे का भी प्रावधान है.
दरअसल इंटरनेट का हाथ पकड़कर तेजी से विकसित होती दुनिया के साथ ऑनलाइन अपराध का चलन तेजी से बढ़ा है. महिलाओं के खिलाफ भारत में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणियां और धमकियां अमूमन सुर्खियों में रहती हैं. इस बीच डेरेक ओ ब्रायन का यह प्रस्ताव चर्चा में है.