ABP Cvoter Survey 2024: मालदीव से भारत के टकराव के बीच अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में रहे लक्षद्वीप पर सर्वे में पिछड़ा NDA!
ABP Cvoter Survey 2024: मौजूदा समय में इस लोकसभा सीट (लक्षद्वीप) से फैजल पीपी मोहम्मद सांसद हैं, जो कि नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी - शरद पवार गुट) से ताल्लुक रखते हैं.
ABP Cvoter Survey 2024: मालदीव के साथ भारत के टकराव के बीच अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में रही लक्षद्वीप सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को झटका लगा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि एबीपी न्यूज-सी वोटर के सर्वे में इस लोकसभा सीट पर बीजेपी के नेतृत्व वाला गठबंधन नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) पिछड़ता नजर आया है. सोमवार (15 अप्रैल, 2024) को प्रसारित किए गए सर्वे के नतीजों के मुताबिक, इस सीट पर विपक्षी गठजोड़ इंडिया आगे है.
ओपीनियन पोल के जरिए लक्षद्वीप समेत छह केंद्र शासित प्रदेशों पर जनता का मूड भांपा गया. सर्वे की मानें तो लक्षद्वीप के अलावा पुडुचेरी में भी इंडिया गठबंधन जीत हासिल कर सकता है, जबकि अंडमान में, चंडीगढ़ में, दादरा नगर हवेली में और दमन-दीव में एनडीए को जीत हासिल हो सकती है.
सबसे छोटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है लक्षद्वीप!
मौजूदा समय में इस लोकसभा सीट से फैजल पीपी मोहम्मद सांसद हैं, जो कि नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी - शरद पवार गुट) से ताल्लुक रखते हैं. लक्षद्वीप लोकसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित सीट है. यह वोटर्स (2014 के) के लिहाज से सबसे छोटा निर्वाचन क्षेत्र है.
लक्षद्वीप सीट से कौन-कौन इस बार मैदान में?
एनसीपी (शरद पवार) की तरफ से मोहम्मद फैजल मैदान में हैं. वहीं, कांग्रेस ने इस बार मोहम्मद हमदुल्लाह सईद को इस सीट से टिकट दिया है, जबकि बीजेपी की ओर से अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को समर्थन दिया गया है. अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी की तरफ से टीपी यूसुफ को मौका दिया गया है. 19 अप्रैल, 2024 को लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत इस सीट के लिए मतदान होगा, जबकि चार जून 2024 को नतीजे आएंगे.
भारत-मालदीव में इस वजह से आई थी खटास
भारत और मालदीव के रिश्तों में इस साल जनवरी में तब खटास आ गई थी, जब वहां के तीन मंत्रियों (मरियम शिउना, मालशा और हसन जिहान) ने भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के दौरान उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी. बाद में डैमेज कंट्रोल के तहत उन्हें निलंबित भी कर दिया गया था. बयान में कहा गया था, "मंत्रियों की ये राय व्यक्तिगत थीं और मालदीव सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं." पीएम मोदी के अपमान को लेकर भारत में इसके बाद मालदीव के खिलाफ गुस्सा देखने को मिला था और बड़े स्तर पर लोगों ने वहां जाने का प्लान कैंसल कर दिया था, जिससे द्वीप देश (मालदीव) की अर्थव्यवस्था को झटका लगा था.
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