देश का मूडः आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार के कामकाज से सिर्फ 20% लोग बेहद खुश
क्या भारत पर ग्लोबल मंदी का असर देखा जा रहा है या मोदी सरकार की आर्थिक नीतियां देश की तरक्की की रफ्तार को धीमा कर रही हैं. एबीपी न्यूज ने सी-वोटर के साथ मिलकर जो सर्वे कराया है, उसमें इस अहम सवाल पर भी लोगों की राय जानने की कोशिश की है.
नई दिल्लीः इस समय देश में आर्थिक मंदी की चर्चा चारों ओर है. एक तरफ तो पीएम मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण 2025 तक भारत की अर्थव्यवस्था को 5 खरब डॉलर और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाने को लेकर तमाम दावे कर रहे हैं और दूसरी तरफ देश की जीडीपी की रफ्तार धीमी पड़ती हुई दिखाई दे रही है. आर्थिक मोर्चे पर सरकार विपक्ष के साथ-साथ अर्थशास्त्रियों के भी निशाने पर है. हाल ही में सरकार को आरबीआई के संरक्षित कोष से 1.76 लाख करोड़ रुपये तक लेने पड़े. कई कारणों से ऐसा लग रहा है कि मोदी सरकार के हाथ से देश की आर्थिक विकास की रफ्तार की कमान छूटती जा रही है. ऐसे में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को 100 दिन पूरे होने के समय आर्थिक हालत को लेकर एबीपी न्यूज ने सर्वे कराया है.
आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार के कामकाज को जनता कैसा मान रही है? क्या भारत पर ग्लोबल मंदी का असर देखा जा रहा है या मोदी सरकार की आर्थिक नीतियां देश की तरक्की की रफ्तार को धीमा कर रही हैं. क्या अभी भी लोगों को भरोसा है कि भारत की इकोनॉमी पटरी पर लौट आएगी या अर्थव्यवस्था गहरी मंदी के दौर में जा रही है? ऐसे सवालों का जवाब जानने के लिए एबीपी न्यूज ने सर्वे कराया है और इसके जरिए जानने की कोशिश की है कि अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालत के लिए वो किसे जिम्मेदार मान रहे हैं.
आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार के प्रदर्शन को कैसा मानते हैं? मोदी सरकार 2 के 100 दिन पूरे होने पर हमने लोगों से सवाल किया कि वो आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार के प्रदर्शन को कैसा मानते हैं तो इसके जवाब में 20 फीसदी लोगो ने कहा कि मोदी सरकार का कामकाज सबसे अच्छा है और 22.8 फीसदी लोगों का कहना है कि मोदी सरकार का कामकाज अच्छा है. 28.4 फीसदी लोगों ने कहा कि वो इस बारे में कह नहीं सकते. इसके अलावा 18.2 फीसदी लोगों ने आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार के कामों को औसत बताया है और 3.7 फीसदी लोगों ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को संभालने में विफल रही है और इसका कामकाज खराब रहा है. जबकि 6.9 फीसदी लोगों का ये मानना है कि मोदी सरकार का प्रदर्शन आर्थिक मोर्चे पर बेहद खराब रहा है.
मौजूदा आर्थिक गिरावट को 'अभूतपूर्व स्थिति' करार देते हुए सरकार के ही नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने खुद कहा था कि बीते 70 सालों में लिक्विडिटी को लेकर आज जैसी स्थिति का सामना देश कर रहा रहा है, वैसा कभी नहीं हुआ. हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि मीडिया ने उनके बयान को ठीक तरह से नहीं लिया. इसके अलावा कई ऐसी खबरें आईं जिनसे देश की आर्थिक स्थिति को लेकर चिंताजनक माहौल बनता जा रहा है. इसके बावजूद 20 फीसदी लोगों का कहना है कि आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार का कामकाज अच्छा है.
नोट एबीपी न्यूज ने ये सर्वे देशभर में कराया है और इसके लिए अगस्त 2019 के आखिरी हफ्ते में देश के सभी राज्यों में सी वोटर के साथ मिलकर ये सर्वे कराया गया है. इसके लिए कुल 11308 लोगों से बातचीत की गई.