नई दिल्ली: देश को नए संसद भवन मिलने की कवायद अब तेज होती जा रही है. मोदी सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट का डिजाइन तैयार हो चुका है. मौजूदा संसद भवन अंग्रेजों ने बनवाया था जो कि अब काफी पुराना हो चुका है. इस भवन में तमाम तरह कि समस्याएं सामने आ रही हैं. मोदी सरकार का इरादा है कि जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाए तो उस वक्त तक ये इमारत बनकर तैयार हो जाए. इसी इरादे के साथ मोदी सरकार इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम रही है.


नए संसद भवन का डिजाईन अब सामने आ चुका है. एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस नई इमारत को इस तरह से बनाया जाएगा, अगर भविष्य में सांसदों की संख्या बढ़ाई भी जाती है तो सांसदों के बैठने में कोई समस्या नहीं आए. नए भवन में सांसदों के बैठने के लिए 900 सीटें होंगी जबकि संयुक्त सत्र में 1350 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी. इसमें दो सांसदों के बैठने के लिए एक बैंच होगी ताकि सांसदों को बैठने में को तकलीफ ना हो.


अहमदाबाद स्थित एचसीपी डिजाइन के मुताबिक, नया त्रिकोणीय संसद भवन मौजूदा परिसर के बगल में आएगा, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र को कुछ नए सरकारी भवनों के साथ ट्रांसफर किया जाएगा और राष्ट्रीय अभिलेखागार को फिर से तैयार किया जाएगा. प्रधानमंत्री का निवास मौजूदा दक्षिण ब्लॉक परिसर के पीछे ट्रांसफर किया जाएगा, जबकि उपराष्ट्रपति का निवास उत्तरी ब्लॉक के पीछे बनेगा.


सबसे पहले आईजीएनसीए संसद परिसर और सरकारी कार्यालय होंगे. पूर्व मौजूदा संसद परिसर के भीतर 13 एकड़ जमीन पर आएगा और यह वर्तमान की तुलना में बहुत बड़ा होगा, मौजूदा हॉल में सांसदों को कई दिक्कतें होती हैं और जल्द ही इसकी जरूरत पड़ सकती है.


नए डिजाइन के मुताबिक आईजीएनसीए इमारत के अलावा उद्योग भवन, निर्माण भवन, शास्त्री भवन, उपराष्ट्रपति आवास सहित नौ अन्य इमारतों को ध्वस्त किया जा सकता है। इसके अलावा राष्ट्रीय अभिलेखागार के मॉडल को भी बदला जाएगा.


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