जम्मू: इंटरनेट बंदी, कर्फ्यू, लॉकडाउन के बावजूद छात्र ने JEE-Mains परीक्षा में हासिल किये 99.23 प्रतिशत, छात्रों के लिए बना प्रेरणा
उत्तरी कश्मीर में एक 19 साल के युवक ने JEE-मेन्स परीक्षा में 99.23% अंक हासिल कर राज्य समेत परिवार, गांव का नाम रोशन किया है. तमाम अड़चनों के बावजूद युवक छात्रों के लिए प्रेरणा बन गया है.
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जम्मू कश्मीर: जहां कश्मीर हमेशा गलत कारणों के चलते सुर्खियों में रहता आया है वहीं कई बार कश्मीर से ऐसी खबरें भी सामने आती है जो उत्साहित करने के साथ-साथ घाटी के युवाओं को भी प्रभावित करने की ताकत रखती हैं.
ऐसी ही एक खबर उत्तरी कश्मीर के हंदवारा से आई है जहां के एक युवा ने JEE मेन्स मे सभी अद्चनो के बावजूद भी कामयाबी हासिल की है. जम्मू कश्मीर से जिन दो युवकों ने JEE-MAINS में टॉप किया उन में उत्तरी कश्मीर के हंदवारा के दूर दराज़ के गांव- शहलाल के रहने वाले 19 साल के नवीद-उल-अमीन एक है.
नवीद ने घाटी के खराब हालात, इंटरनेट बंदी और कर्फ्यू और लॉकडाउन के बाद भी MAINS परीक्षा में 99.23% अंक हासिल कर यह कमाल किया है. नवीद के लिए उप्लाब्दी हासिल करना आसान नहीं था. नवीद के पिता की मृत्यु करीब 14 साल पहले हुई थी जब वह केवल चार साल के थे.
मां के लिए दो बच्चों के पालन पोषण कठिन हो गया था और माध्यम वर्ग के परिवार होने के कारण मुश्किलें अपार हो गई. बाप की मृत्यु के बाद परिवार के लिए जीवन और जायदा कठिन हो गया लेकिन तभी नवीद के चाचा अब्दुल मजीद ने अपने भतीजे के सर पर हाथ रखा और उसके परिवार का सहारा बन गए.
चाचा ने सब से पहले नवीद के पढ़ाई के प्रति रूचि को देखा और नवीद को पढ़ाई के लिए श्रीनगर भेज दिया. नवीद ने छटी कक्षा तक की पढ़ाई शाह्लाल गांव के सरकारी स्कूल में की. उसके बाद बारामुल्ला के एक स्कूल से दसवी और फिर श्रीनगर के एक सरकारी स्कूल से 12वीं की परीक्षा पास की.
परिवार में बाकी भाई-बेहनों में सब से जायदा इंटेलीजेंट होने के कारण परिवार की उमीदे भी नवीद से बड़ी और इस लिए उसने इंजिनियर बनने का सपना देखा. उनके परिवार में आज तक कोई भी इंजिनियर नहीं बन पाया है और इसी को सोचते हुए नवीद ने पढ़ाई शुरू की.
लेकिन पिछले दो सालो से घाटी के खराब हालात इस में सब से बड़ी अड़चन बन गए. पहले अगस्त में धारा 370 के हटाये जाने के बाद लगे कर्फ्यू और इंटरनेट प्रतिबंद ने उनकी राह को कठिन कर दिया और फिर मार्च 2020 में कोरोना के लॉकडाउन ने रही कसर पूरी कर दी.
लेकिन इस के बावजूद भी नवीद ने हिम्मत नहीं हारी और पहले सितम्बर 2019 में JEE में 98% अंक हासिल कर इंजीनियरिंग के लिए पहला कदम पूरा कर लिया था लेकिन उसका सपना- IIT में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना है. इसी लिए नवीद ने एक बार फिर से से JEE की परीक्षा दी और इस बार JEE-MAINS में 99.23% अंक हासिल कर ना सिर्फ अपने प्रदेश का नाम रोशन किया बल्कि परिवार और गांव का भी किया.
नवीद को JEE-MAINS में मिले अंकों के आधार पर उनको किसी भी अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन मिल जाएगा. लेकिन अभी नवीद की नज़र JEE-ADVANCED परीक्षा पर है जिस में सफलता हासिल कर IIT में पड़ कर इंजीनियर बनने का उसका सपना पूरा हो जाएगा.
नवीद की चेचेहरी बहन अफ्रूज़ा के अनुसार पिता के साए के बिना, सभी कठिनायों की परवाह ना करते हुवे नवीद ने साबित किया कि अगर कोई इंसान महनत करें तो कोई भी मुश्किल आसान कर सकता है. और शायद यह उन बच्चों के लिए मिसाल बन सकता है जो सब कुछ होने के बावजूद भी गलत रास्ते पर चल पड़ते है.
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