कुछ धार्मिक समूहों और समुदायों के विरोध के बावजूद अंडे को कर्नाटक में मिड डे मील में शामिल किया जा सकता है. बीजेपी सरकार अगले शैक्षणिक सत्र में इसकी शुरुआत कर सकती है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बीजेपी सरकार एक पायलट पहल पर काम कर रही है, जिसके तहत बच्चों में कुपोषण से निपटने के लिए दिसंबर 2021 और मार्च 2022 के बीच उत्तरी कर्नाटक के सात "पिछड़े जिलों" में अंडे परोसे गए. ताजा प्रस्ताव के मुताबिक, जो लोग अंडा नहीं खाते हैं उन्हें फल या अन्य विकल्प दिया जाएगा.
सरकार के इस फैसले का कई समूहों ने विरोध किया, इसमें लिंगायत और जैन समुदाय भी शामिल है. हालांकि छात्रों और अभिभावकों से जो सकारत्मक जवाब मिला है उससे सरकार को इस फैसले को लागू करने का बल मिला है. सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अंतिम रूप देने के बाद प्रस्ताव को कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा. अंडे का खर्च सरकार की ओर से उठाया जाएगा.
कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद, कर्नाटक बीजेपी के शासन वाला पहला राज्य होगा जहां के स्कूलों के मिड डे मील प्रोग्राम में अंडे को शामिल किया जाएगा. सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'एक दिन छोड़कर स्कूलों में छात्रों को अंडा दिया जाएगा. इस संबंध में आधिकारिक औपचारिकताएं अंतिम चरण में हैं. यदि हम एक बार में पूरे राज्य में इस योजना को लागू करने में असमर्थ हैं, तो भी सूची में और जिलों को जोड़ा जाएगा. प्रायोगिक पहल के कारण बच्चों में पोषण स्तर में सुधार देखने के लिए राज्य द्वारा एक अध्ययन किया गया था. परिणाम आशाजनक हैं.'
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