नई दिल्ली: बलात्कारी बाबा राम रहीम की राजदार हनीप्रीत को दिल्ली हाईकोर्ट ने कोई राहत नहीं मिली है. हनीप्रीत की अग्रिम जमानत अर्जी को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. हनीप्रीत के वकील प्रदीप कुमार आर्य ने दिल्ली हाई कोर्ट के सामने तीन हफ्ते के लिए हनीप्रीत को ट्रांजिट बेल देने की मांग की थी. रेप केस में पिछले महीने राम रहीम के जेल जाने के बाद से ही हरियाणा पुलिस देशभर में हनीप्रीत की तलाश कर रही थी.


कोर्ट ने हनीप्रीत को सरेंडर का विकल्प दिया


मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि हनीप्रीत को अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती, क्योंकि यह मामला दिल्ली हाई कोर्ट का नहीं बनता है. आप यहां बस वक्त खराब कर रहे हैं. कोर्ट ने यह भी कहा है कि हनीप्रीत को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जाना चाहिए था. कोर्ट ने हनीप्रीत को सरेंडर का विकल्प दिया है.


सुनवाई के दौरान हनीप्रीत के वकील प्रदीप आर्य ने कोर्ट में कहा कि हनीप्रीत पर देशद्रोह की धारा लगाई गई है, उन्होंने कुछ नहीं किया. वो पुलिस के साथ थीं तो कैसे हंगामे की जिम्मेदार हो सकती हैं. इसपर कोर्ट ने कहा कि हनीप्रीत ने कुछ नहीं किया तो वह सरेंडर क्यों नहीं करतीं?


हनीप्रीत का पता नहीं- हनीप्रीत के वकील


वहीं,हाई कोर्ट में हनीप्रीत के वकील की तरफ से कहा गया कि सुरक्षा मिलने के बावजूद भी वह जांच में शामिल नहीं होगी. हनीप्रीत के वकील ने कहा है कि वह हाई कोर्ट का फैसला पढ़ने के बाद अगले विकल्प पर विचार करेगें. हनीप्रीत के वकील से जब हनीप्रीत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता. वह सिर्फ टेली कॉम्युनिकेशन के जरिए उनसे जुड़े हुए हैं.



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हनीप्रीत ने अपने वकील के जरिए जो याचिका दायर की थी, उसमें उसने पहली बार अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब दिया है. हनीप्रीत ने अपने वकील के जरिए कोर्ट में कहा है कि वो राम रहीम की बेटी है.


यहां जानें, दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान हनीप्रीत के वकील ने क्या कहा? 


वकील- हनीप्रीत को 3 हफ्ते की अग्रिम जमानत दी जाए.


जज- क्यों हनीप्रीत को अग्रिम जमानत की जरूरत क्यों पड़ गई? वो सामने क्यों नहीं आ रही है?


वकील- उसकी जान को खतरा है.


जज- अगर ऐसा है तो वो दिल्ली हाईकोर्ट में सरेंडर करे. हम उसे सुरक्षा देंगे.


वकील- उसे दिल्ली में भी पुलिस गिरफ्तार कर सकती है.


जज- अगर उसने कुछ गलत नहीं किया है तो फिर वो सामने सरेंडर क्यों नहीं कर रही है?


वकील- हनीप्रीत परसों सामने आने के लिए तैयार है.


जज- ठीक है. अभी इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा जाता है


कोर्ट रूम में हनीप्रीत के वकील ने इस बात को साफ कर दिया कि हनीप्रीत परसों सब के सामने आने के लिए तैयार है. वकील की बात से ये साफ है कि जिस हनीप्रीत की तलाश में पिछले एक महीने से पुलिस दर दर की खाक छान रही थी वो दो दिनों के बाद दुनिया के सामने आ सकती है.


अब भी ये सवाल बना हुआ है कि वो आखिर है कहां? हनीप्रीत कहां है? ये सवाल जब उसके वकील प्रदीप आर्य से पूछा गया तब उन्होंने कहा, “कल दफ्तर में आई थी. दोपहर में.


हनीप्रीत के दिल्ली में होने की भनक लगने के बाद हरियाणा पुलिस की एक टीम ने आज सुबह साऊथ दिल्ली में मौजूद राम रहीम के एक घर पर छापा मारा, लेकिन वहां भी हनीप्रीत नहीं मिली.


हनीप्रीत ने अपने वकील के जरिए कहा है कि वो बाप बेटी के रिश्ते पर लग रहे आरोप से बेहद दुखी है. हनीप्रीत के वकील ने ये भी कहा कि वो राम रहीम की बेटी होना अपना सौभाग्य मानती हैं. हनीप्रीत ने वकील के जरिए कहा कि उस पर लग रहे आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं. कुछ लोग बाप-बेटी के रिश्तों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं.


आपको बता दें कि हनीप्रीत के पूर्व पति विश्वास गुप्ता ने खुलासा किया था कि हनीप्रीत और राम रहीम के बीच अवैध रिश्तें थे. हनीप्रीत के पूर्व पति के इस आरोप के बाद हनीप्रीत और राम रहीम का रिश्ता सवालों के घेरे में आ गया था.


लेकिन खुद पर लगे इन आरोपों पर हनीप्रीत ने अपनी याचिका में सफाई दी है. हनीप्रीत ने अपनी याचिका में कहा, “मैं बचपन से डेरा से जुड़ी हूं और राम रहीम पर मेरी श्रद्धा है. उन्होंने मुझे गोद लिया है और हमारे रिश्ते में कुछ भी गलत नहीं है. खुद मैं एक सिंगल वूमेन हूं और कायदे कानून का पालन करने वाली देश की नागरिक हूं. इसीलिए मैंने इंसाफ पाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है.


दिल्ली हाईकोर्ट में अपने वकील के जरिए दायर अग्रिम जमानत याचिका में हनीप्रीत ने अपना पक्ष काफी मजबूती के साथ रखा. अपनी याचिका में उसने हरियाणा पुलिस के काम काज पर भी सवाल उठाए और कहा, “बिना जांच के ही हरियाणा पुलिस ने वांटेड की लिस्ट में मेरा नाम डाला है. मेरे खिलाफ कोई मामला नहीं है और गलत तरीके से मेरे खिलाफ मामला बनाया गया है. 25 अगस्त को पंचकूला कोर्ट के फैसले से लेकर सुनारिया जेल तक मेरे खिलाफ कुछ भी ऐसा नहीं पाया गया, जिससे कहा जाए कि मैंने कुछ गलत किया है. इससे साफ है कि हरियाणा पुलिस की मंशा मुझे नुकसान पहुंचाने की है. मैं वचन देती हूं कि कोर्ट की इजाजत के बिना मैं विदेश नहीं जाउंगी.