नई दिल्ली: थलसेना प्रमुख के पद से रिटायर होने के बाद जनरल बिपिन रावत ने देश की थलसेना की कमान जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे को सौंप दी है. जनरल बिपिन रावत अब चीफ ऑफ डिफेंस बन गए हैं. लेफ्टिनेंट जनरल एम एम नरवाणे देश के 28वें थलसेना प्रमुख बन गए हैं.
चीन मामलों के जानकार माने जाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे फिलहाल वाईस चीफ (सहसेना प्रमुख) के पद पर तैनात थे. नरवाणे वही सैन्य अधिकारी हैं जिन्होनें सेना की पूर्वी कमान के कमांडिंग इन चीफ (सीइनसी) के पद पर रहते हुए ये कहकर सनसनी फैला दी थी कि अगर 'चीन हमारी सीमाओं में सौ बार घुसपैठ करता है तो हमारी सेना दो सौ बार करती है. कोलकता (फोर्ट विलियम) स्थित पूर्वी कमान की जिम्मेदारी उत्तर-पूर्व में चीन से सटी सीमाओं की रखवाली है."
इस दौरान जनरल बिपिन रावत ने जनरल नरवाणे को बधाई देते हुए कहा कि, सीडीएस के तौर पर वे नए सेना प्रमुख को पूरा सहयोग करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि जनरल नरवाणे थलसेना के गौरव और प्रतिष्ठा को और उंचाईयों पर ले जाएं.
साल 1980 में सेना की सिख लाईट (सिखलाई) इंफेंट्री से अपने सेवाएं देश को देने वाले लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे इसी साल सितबंर के महीने में सेना के वाईस चीफ बनाए गए थे. इससे पहले वे पूर्वी कमान के कमांडिंग इन चीफ यानि सीइनसी और ट्रेनिंग कमांड के कमांडर भी रह चुके हैं. उन्हें जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व में एंटी-टेरेरिस्ट ऑपरेशंस में भी खासी महारत हासिल है.
वे श्रीलंका में इंडियन पीस कीपिंग फोर्स (आईपीकेएफ) का भी हिस्सा थे. डिफेंस एंड मैनेजमेंट में एमफिल कर चुके नरवाणे म्यांमार में भारत के डिफेंस अटैचे भी रह चुके हैं. वे फिलहाल पीएचडी भी कर रहे हैं.
मूलत: महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले नरवाणे को सेना में नो-नॉनसेंस और एक कड़क अधिकारी माना जाता है. कहा जाता है दिल्ली में एक बार अपनी तैनाती के दौरान उन्होनें एक बार सरकार के मौखिक बयान को ना मानते हुए साफ कह दिया कि वे लिखित आदेश का ही पालन करते हैं.
जनरल नरवाणे के थलसेना प्रमुख बनने के बाद अब तीनों सेनाओं के प्रमुख (यानि वायुसेना और नौसेना) एनडीए के 56वें कोर्स के सहपाठी हो गए हैं. आपको बता दें कि जनरल नरवाणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल, आर के एस भदौरिया और नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह नेशनल डिफेंस एकादमी में एक ही बैच में थे. खास बात ये है कि तीनों के ही पिता पहले वायुसेना में कार्यरत थे.
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