नई दिल्ली: आरजेडी मुखिया लालू यादव और उनके परिवार पर सीबीआई की कार्रवाई के बाद बीजेपी नीतीश कुमार पर लालू यादव के दोनों बेटो को मंत्रिमंडल से बाहर हटाने का दबाव बना रही है. ऐसे में नीतीश सरकार पर संकट के बादल मंडराने शुरु हो गए हैं. उधर सीबीआई की छापेमारी के बाद लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि मोदी सरकार ने बदले की कार्रवाई की है. होटल आवंटन में कोई गड़बड़ी नहीं की गई. लालू का आरोप है कि उन्हें डराया जा रहा है. CBI ने दर्ज की लालू-राबड़ी और तेजस्वी पर FIR, जानिए घोटाले की पूरी कहानी
बिहार में विपक्ष में बैठी बीजेपी लगातार लालू यादव के परिवार पर हमला बोल रही है. जिस तरह से लालू एंड फैमिली पर सीबीआई की छापेमारी हुई है. उससे बीजेपी को लालू यादव के छोटे बेटे और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और बड़े बेटे स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव के खिलाफ मोर्चा खोलने का मौका मिल गया है और बीजेपी नीतीश सरकार से आरजेडी को बाहर करने का दबाव बना रही है. आफत में लालू परिवार, जानें पत्नी, बेटी-बेटा सहित किस पर क्या-क्या हैं आरोप?
नीतीश कुमार अगर लालू के दोनों बेटों को कैबिनेट से बाहर करते हैं, तो लालू यादव नीतीश सरकार का साथ छोड़ सकते हैं. ऐसे में विधानसभा में नीतीश के बहुमत का आकंड़ा गड़बड़ाना तय है. CBI छापे पर लालू ने कहा, 'BJP की साजिश है, मिट्टी में मिल जाऊंगा, लेकिन डरूंगा नहीं'
यहां समझें- बिहार विधानसभा के आंकड़ों का गणित
बिहार विधानसभा में विधायकों की संख्या 243 है. विधासनभा में सरकार बनाए रखने के लिए 122 विधायकों का साथ चाहिए. इस समय आरजेडी के पास - 80 विधायक, जेडीयू के पास -71 विधायक, कांग्रेस के पास- 27 विधायक, बीजेपी गठबंधन के पास 58 विधायक, सीपीआई माले के पास- 3 विधायक, निर्दलीय 4 विधायक.
इस समय बिहार में महागठबंधन की सरकार चल रही है. जिसमें जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस शामिल हैं. जिसके कुल विधायकों की संख्या 178 हैं. जो बहुमत से 56 ज्यादा है. अगर नीतीश लालू से नाता तोड़ते हैं, और कांग्रेस उनका साथ भी देती है, तो भी आंकड़े सरकार में बने रहने के लिए कम है. जेडीयू और कांग्रेस के कुल 98 विधायक हैं, जो बहुमत से 24 कम है.
ऐसे में नीतीश को अगर सरकार में बने रहना हैं, तो उन्हें पुराने सहयोगी एनडीए के साथ आना होगा. अगर नीतीश एनडीए के साथ आते हैं, तो आंकड़ों का ये गणित 129 होता है. जो बहुमत से सात सीट ज्यादा है. अब ये नीतीश को तय करना है कि वो लालू के साथ रहते हैं या अपना रास्ता अलग बनाते हैं.
सीबीआई के छापे के बाद नीतीश कुमार ने चुप्पी साध ली है. सूत्रों के मुताबिक पार्टी प्रवक्ताओं को लालू परिवार को लेकर कुछ भी बोलने से मना किया है. लालू के ठिकानों पर CBI की छापेमारी, जानें किसने क्या कहा ?
लालू के पटना-दिल्ली समेत 12 ठिकानों पर CBI का छापा, पत्नी-बेटे पर भी केस दर्ज