नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान आखिरकार सकुशल अपने देश लौट आए. वाघा-अटारी बॉर्डर पर भारत माता की जय के नारे के साथ उनका स्वागत किया गया. वायुसेना ने कहा कि हम खुश हैं कि अभिनंदन वापस लौट आए. उनके लौटने का हर कोई जश्न मना रहा है. वे हर भारतवासी के 'हीरो' बन चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा, ''प्रत्येक भारतीय को बहादुर पायलट अभिनंदन पर गर्व है.''


कैसे पाकिस्तान पहुंचे अभिनंदन?


दरअसल 27 फरवरी को पाकिस्तान की ओर से 24 विमानों ने भारतीय हवाई सीमा का उल्लंघन किया. पाकिस्तान के हवाई हमले को वायुसेना ने बेअसर किया और एक एफ-16 विमान को नेस्तनाबूद कर दिया. पाकिस्तान के जहाजों को खदेड़ते हुए भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन का मिग-21 क्रैश हो गया और वो पैराशूट के जरिए पाकिस्तान में उतरे. इसके बाद वहां उन्हें लोगों ने घेर लिया. बाद में पाकिस्तान की सेना ने अभिनंदन को अपने कब्जे में ले लिया.


बहादुर विंग कमांडर ने हिम्मन नहीं खोई


पहले तो विंग कमांडर को पता नहीं चला कि वे कहां हैं लेकिन जैसे ही उन्हें ये आभास हुआ कि वे पाकिस्तान में हैं तो उन्होंने अपने पास मौजूद दस्तावेज तालाब में फेंक दिए और कुछ को निगल गए जिससे देश के अहम जानकारी दुश्मन देश के हाथ न लगे. वहां के लोगों ने उनपर हमला भी लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं खोई.


पाकिस्तान का झूठ


इस पूरे मामले में पाकिस्तान ने अपनी आदत के मुताबिक एक बार फिर झूठ का राग अलापा. उसने दावा किया कि भारत के दो पायलट उसके कब्जे में हैं लेकिन बाद में उसने स्वीकार किया कि एक विंग कमांडर उनके कब्जे में है. भारत ने इस बात की पुष्टि करने के लिए 27 फरवरी को पाकिस्तान के उप-उच्चायुक्त हैदर अली शाह को तलब किया. जब इस बात की पुष्टि हो गई कि विंग कमांडर पाकिस्तान के कब्जे में हैं तो भारत ने बिना शर्त उन्हें वापस लौटाने के लिए कहा.


ये भारत की कूटनीति का ही दबाव था कि पाकिस्तान की सरकार ने तुरंत फैसला लिया कि विंग कमांडर अभिनंदन को भारत को वापस लौटाया जाए. खुद पाक के पीएम इमरान खान ने 28 फरवरी को वहां की संसद में इस बात का एलान किया कि विंग कमांडर को भारत वापस भेजा जाएगा.


भारत की कार्रवाई और कूटनीतिक जीत


14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के 48 घंटे के भीतर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कामरान को मार गिराया गया. वो पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड था. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान पर कार्रवाई करते हुए सबसे पहले पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया. इसके बाद पाकिस्तान से आने वाले सामान पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 200 फीसदी कर दी गई. इसके साथ ही कश्मीर से मुजफ्फराबाद जाने वाली बस सेवा रोकी गई. इसके अलावा एक और बड़ा फैसला लिया गया जिसके तहत भारत की तरफ से पड़ोसी देश को जाने वाले पानी को रोक दिया गया. 21 फरवरी को रावी, व्यास और सतलुज नदियों से पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोकने का फैसला किया गया.


भारत यहीं नहीं रुका. 26 फरवरी को पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर भारत ने एयर-स्ट्राइक कर दी. इस एयर स्ट्राइक में जैश-ए-मोहम्मद के कई आतंकी मारे गए. एयर स्ट्राइक को भी दुनिया के दूसरे देशों ने भी समर्थन किया और कहा कि आतंक पर कार्रवाई होनी चाहिए. इस कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने 27 फरवरी को भारतीय सीमा का उल्लंघन किया, जिसका भारत ने जवाब दिया. इस क्रम में विंग कमांडर अभिनंदन का मिग-21 जहाज क्रैश हो गया, वे पाकिस्तान की सीमा में पहुंच गए और वहां की सेना ने उन्हें कब्जे में ले लिया. लेकिन भारत की तरफ से हुई कार्रवाई और दबाव के साथ-साथ दूसरे देशों के मिल रहे समर्थन को देखते हुए पाकिस्तान ने ये फैसला किया कि वो विंग कमांडर को वापस सौपेंगा.