(Source: Poll of Polls)
Devendra Fadnavis Slams MVA: उद्धव-शरद पवार के विरोध मार्च पर देवेंद्र फडणवीस का बयान- प्रदर्शनकारियों ने निर्देशों को फॉलो नहीं किया क्योंकि...
Devendra Fadnavis: एमवीए ने एकनाथ शिंदे सरकार और गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी की छत्रपति शिवाजी महाराज पर टिप्पणी के खिलाफ "हल्ला बोल" मार्च शुरू किया. जिसकी बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने आलोचना की है.
Devendra Fadnavis Slams MVA's Protest March: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis ) ने शनिवार (17 दिसंबर) को मुंबई में विरोध मार्च निकालने के लिए महा विकास अघाड़ी (MVA) की आलोचना की. पीटीआई के मुताबिक, प्रोटेस्ट के बाद उन्होंने कहा, यह पॉलिटिकल कैपिटल के लिए एक नैनो मोर्चा था. फडणवीस ने कहा, पुलिस ने एमवीए को रैली के लिए साउथ मुंबई में आजाद मैदान का उपयोग करने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने निर्देशों का पालन नहीं किया, क्योंकि मैदान भरा नहीं जा सकता था.
एमवीए ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी और शिंदे सरकार से महाराष्ट्र के महापुरुषों का बार-बार हो रहे अपमान का कारण बताकर इसके विरोध में शुक्रवार (16 दिसंबर) को मुंबई में "विरोध मार्च" का आयोजन किया था. यह मार्च रिचर्डसन एंड क्रुडास कंपनी, बायकुला से जेजे फ्लाईओवर के रास्ते से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस तक शुरू हुआ था.
मार्च में कई वरिष्ठ नेताओं ने लिया था हिस्सा
विरोध मार्च में शिवसेना के उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, एनसीपी के शरद पवार और अजित पवार सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया था. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, यह "संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के बाद सबसे बड़ा मोर्चा" था. उन्होंने कहा कि यह रैली दिखाती है कि सभी विपक्षी दल महाराष्ट्र के गौरव की रक्षा के लिए एक साथ आए हैं. ठाकरे ने कहा, महाराष्ट्र से नफरत करने वालों को छोड़कर, सभी राजनीतिक दलों ने मार्च में भाग लिया है.
महाराष्ट्र के महापुरुषों का अपमान नहीं करेंगे बर्दाश्त
उद्धव ठाकरे ने कहा, हम महाराष्ट्र के महापुरुषों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्यपाल की कुर्सी पर बैठा एक व्यक्ति छत्रपति शिवाजी महाराज और डॉ अंबेडकर के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करता है. इस बीच, NCP नेता अजीत पवार ने कहा कि यह मार्च इस बात का सबूत है कि जब देशद्रोह और महाराष्ट्र पर संकट आता है तो पूरे महाराष्ट्र में राज्य के स्वाभिमान और पहचान की आग लग जाती है. राज्य तब तक आराम नहीं करता जब तक उसके लक्ष्यों को हासिल नहीं कर लिया जाता.