Devendra Fadnavis on Ajit Pawar Oath: महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) अपने इस दावे पर कायम हैं कि नवंबर 2019 में उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार (Ajit Pawar) के साथ रातोंरात जो सरकार बनाई थी, उसे एनसीपी प्रमुख शरद पवार की मंजूरी मिली हुई थी.
फडणवीस ने कहा कि उनका बयान 100 प्रतिशत सच है और वह झूठ नहीं बोल रहे हैं. उप-मुख्यमंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा, “मैंने जो कुछ भी कहा था वह 100 प्रतिशत सच था, और इसमें कोई झूठ नहीं था. मैं आज निकाली जा रहीं अलग-अलग व्याख्याओं के बारे में नहीं बोलूंगा. मैं इस पर और बोलना चाहता हूं, और मैं उचित समय पर बोलूंगा और वह समय अभी नहीं आया है.”
2019 में इस तरह फंसा था पेच
24 अक्टूबर 2019 को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 105 सीट पर जीत हासिल की थी. भाजपा के साथ गठबंधन में रही शिवसेना ने 56 सीट पर जीत हासिल की थी. गठबंधन के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीट होने के बावजूद, दोनों सहयोगी दलों के बीच मुख्यमंत्री का पद किसे मिलेगा, इसको लेकर विवाद हो गया, जिसके परिणामस्वरूप शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए बातचीत शुरू की थी. कोई नतीजा नहीं निकलने पर केंद्र ने 12 नवंबर को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया. शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने गठबंधन बनाने के लिए बातचीत जारी रखी और बाद में शरद पवार ने घोषणा की कि उद्धव ठाकरे को सर्वसम्मति से नई सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है.
अचानक फडणवीस और अजीत पवार ने लिया था शपथ
इसी बीच 23 नवंबर को सुबह-सुबह फडणवीस और अजीत पवार का शपथ ग्रहण समारोह एक आश्चर्य के रूप में सामने आया. तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजीत पवार को उप-मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई थी. ये सरकार तीन दिनों तक चली, जिसके बाद अजीत पवार वापस लौट गए थे. फिर एमवीए (MVA) का गठन हुआ और उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
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