नई दिल्ली: मराठा आंदोलन के बाद महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार ने मराठा आरक्षण को समर्थन देने का फैसला किया है. देर रात शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े के बंगले पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मराठा नेताओं के बीच देर रात करीब साढ़े तीन घंटे तक बैठक हुई. इस बैठक के बाद ही समर्थन देने का फैसला किया गया है.


मुख्यमंत्री ने इस मामले पर कल सभी दलों की बैठक बुलाई है, बैठक कल विधानभवन में दोपहर दो बजे होगी. इस बैठक में मुख्यमंत्री फडणवीस समेत, राजस्वमंत्री चंद्रकांत पाटिल, जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन, महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष राव साहेब दानवे, मुंबई बीजेपी अध्यक्ष आशीष शेलार, बबनराव लोनकर और गृह राज्य मंत्री रनजीत पाटिल भी शामिल हुए.


बैठक के बाद प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष रावसाहेब दानवे ने कहा, ''प्रदेश बीजेपी कार्यकरिणी ने एक प्रस्ताव पास कर मराठा आरक्षण को समर्थन दिया है. बीजेपी सरकार मराठाओं के आरक्षण को समर्थन देने के पक्ष में है, मामला कोर्ट में है और हम रिपोर्ट को जल्द ही कोर्ट में पेश कर जल्द फैसला देने की अपील करेंगे.


25 जुलाई को मराठा आंदोलन कारियों ने मुबंई, अहमद नगर, नवी मुंबई और ठाणे समेत कई इलाकों में बंद बुलाया और इस दौरान जमकर हिंसा की. इस दरान कई गाडियों को आग के हवाले कर दिया गया. इस आदोंलन की अगुवाई मराठा क्रांति मोर्चा कर रहा है. शाम होते होते मंबई में आंदोलन वापस ले लिया गया लेकिन बाकी जगहों पर पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर कब्जा पाने के लिए कड़ी मश्क्कत करनी पड़ी.


दरअसल 8 साल बाद महाराष्ट्र में 72 हजार सरकारी भर्तियां होने वाली है और सरकारी नौकरी में यही मौका आरक्षण आंदोलन में चिंगारी का काम कर रहा है. मुख्यमंत्री फडणवीस ने इन नौकरियों में 16 फीसदी आरक्षण का भरोसा दिया है. 72 हजार नौकरियों में से 16 फीसदी सीटें मराठाओं के लिए खाली रखी जाएंगी. कोर्ट से आरक्षण पर हरी झंडी मिलने के बाद खाली 16 फीसदी सीटें मराठा उम्मीदवारों को दी जाएंगी लेकिन आरक्षण आंदोलन करने वाले भर्ती रद्द करने की मांग कर रहे हैं.