Maharashtra Politics: महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना (Shiv Sena) के विधायकों की बगावत के बाद राजनीतिक घमासान का अंत होने के साथ ही शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ (Oath) ले ली है. वहीं बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने उपमुख्यमंत्री (Deputy CM) पद की शपथ ग्रहण की है. ऐसे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने गुरुवार को दावा किया कि एकनाथ शिंदे की सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता देवेंद्र फडणवीस खुश नहीं दिख रहे थे.
उद्धव ठाकरे के बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शिवसेना के बागी नेता शिंदे ने महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा था कि वह सरकार का हिस्सा नहीं होंगे, फिर बाद में उन्होंने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
फडणवीस नंबर दो का स्थान पाकर खुश नहीं: पवार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने पुणे में संवाददाताओं से कहा, "मुझे लगता है कि फडणवीस ने खुशी से नंबर दो का स्थान स्वीकार नहीं किया है. उनके चेहरे के भाव ने सब कुछ बयां कर दिया. वह नागपुर से हैं और उन्होंने एक 'स्वयंसेवक' (आरएसएस के साथ) के रूप में काम किया है और वहां, जब कोई आदेश आता है, तो उसका पालन करना पड़ता है." उन्होंने कहा कि फडणवीस ने इस 'संस्कार' के कारण एक कनिष्ठ पद स्वीकार किया होगा.
पवार ने BJP सरकार के तहत केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के बारे में भी बात की और दावा किया कि उन्हें 2004, 2009 और 2014 में अपने चुनावी हलफनामों के संबंध में आयकर विभाग से पत्र प्राप्त हुए थे. उन्होंने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ बगावत करने के बाद गुवाहाटी में डेरा डाले हुए एकनाथ शिंदे गुट को उम्मीद नहीं थी कि उनके नेता उपमुख्यमंत्री से ज्यादा कुछ बनेंगे.
BJP के केंद्रीय नेतृत्व ने शिंदे का बनाया सीएम: पवार
पवार ने कहा, "BJP के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से आदेश दिए जाने के बाद, शिंदे को मुख्यमंत्री का पद दिया गया. किसी को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी. मुझे लगता है कि शिंदे को खुद कोई जानकारी नहीं थी. दूसरा आश्चर्य, जो मुझे नहीं लगता कि वास्तव में एक आश्चर्य है, वह यह है कि देवेंद्र फडणवीस, जिन्होंने पांच साल तक मुख्यमंत्री और फिर विपक्ष के नेता के रूप में काम किया, उनको केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का पालन करते हुए उपमुख्यमंत्री का पद लेना पड़ा." उन्होंने कहा कि हालांकि पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं.
NCP प्रमुख ने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) से भी बात की और उन्हें बधाई दी. शरद पवार (Sharad Pawar) ने शिवसेना (Shiv Sena) के बागी विधायकों के इस दावे को भी खारिज किया कि NCP और कांग्रेस के साथ शिवसेना का गठजोड़ उनके विद्रोह का प्राथमिक कारण था. उन्होंने कहा "यह आरोप निराधार है. इसका NCP और कांग्रेस से कोई संबंध नहीं है. लोगों को (बहाने के रूप में) कुछ बताना होगा, इसलिए NCP और कांग्रेस को दोषी ठहराया जा रहा है."
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