नई दिल्ली: एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ देशभर में आज सवर्ण आंदोलन कर रहे हैं. मध्यप्रदेश, बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में सुबह से बंद का असर साफ देखा जा सकता है. कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने मोदी सरकार के विरोध में नारेबाजी भी की है. कथित रूप से इस आंदोलन के नेता कहे जाने वाले कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि एससी-एसटी एक्ट में संशोधन से समाज में खाई और बढ़ेंगी.
उन्होंने कहा, ''हमारी अपनी सरकार अगर ऐसा कदम उठाएगी तो क्या मेरा अधिकार नहीं है कि मैं अपनी बात रख सकूं. हमें एससी-एसटी एक्ट चाहिए लेकिन जैसा सुप्रीम कोर्ट ने कहा है.'' देवकी नंदन ठाकुर ने कहा, ''चार युग निकल गए हम नहीं बंटे लेकिन जब से देश में जाति की राजनीति करने लगे हम आपस में बंट गए. हम देश, संस्कृति की बात नहीं करते. देश की संस्कृति है कि हम आपस में शक करें. इस कानून के बाद लोगों में डर बढ़ेगा कि मैं इसके साथ बैठूंगा तो मुझे जेल हो जाएगी.''
वो आगे कहते हैं, ''मैंने गांव में रहता हूं, बचपन में जब कोई दलित हमारे सामने से निकलता था तो हम उसे हाथ जोड़कर नमस्कार करते थे. मीडिया ये नहीं दिखाता, मीडिया ये दिखाता हा कि दलित ने मूंछ रख ली तो उस पर आपत्ति हुई.''
SC-ST एक्ट पर भारत बंदः जातियों की जंग, 2019 में सवर्ण किसके संग?
देवकी नंदन ने कहा, ''हमने उन्हें (दलितों को) खुद ज्यादा दिया है, हम 20 प्रतिशत वालों से कहते हैं कि आप आगे जाओ और 40% वाले से कहते हैं कि रुक जाओ. हम एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ नहीं है लेकिन उस रूप में हैं जैसा सुप्रीम कोर्ट ने कहा है.''
इस पर कानून बना सकते हैं तो राममंदिर पर क्यों नहीं?- देवकी नंदन ठाकुर
देवकी नंदन ने कहा कि हमें एससी-एसटी के मुद्दे पर आपत्ति नहीं है. सारे दलों ने एक साथ कह दिया कि हम एससी-एसटी एक्ट पर साथ हैं. इस एक्ट पर सारे दल भाईचारा दिखा रहे हैं लेकिन राम मंदिर, धारा 370, कश्मीर के मुद्दे पर ये सारे दल एक साथ क्यों नहीं आते? वोट की राजनीति करने की जरूरत नहीं है.
देवकी नंदन ठाकुर ने कहा, ''मेरा कहने का मतलब है कि इस मुद्दे पर जैसे सभी पार्टियां साथ आ गईं तो बाकी मुद्दों पर क्यों नहीं? कितने ऐसे मुद्दे हैं जिन पर सदन दिनों दिन अटका रहता है. क्या देश में ऐसा कानून बनेगा जो देश को बांट दे. हम इसे लेकर सरकार से से हाथ जोड़ कर प्रार्थना करते हैं.''
चुनाव लड़ने की संभावना के सवाल पर देवकी नंदन ठाकुर ने कहा, ''इसके बारे में मैंने पहले ही बता दिया है कि जब तक जीवन रहेगा मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा. राजनीति मेरा मकसद नहीं है, मेरा मकसद समाज की सेवा है. आप लोग अगर शक कर रहे हैं ये सही है क्योंकि आप ने ऐसे बहुत लोगों को देखा है.''
आंदोलन पर आगे की रणनीति के सवाल पर देवकी नंदन ठाकुर ने कहा, ''अगर समाज किसी कानून से बंटेगा तो सारी पार्टियों और सारे सांसदों से कहता हूं कि इस पर विचार करें. हम सरकार को दो महीने का समय दे रहे हैं, इसके बाद जो होगा वो सब लोग देखेंगे.''