छठ की छटा: बिहार समेत कई राज्यों में उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ संपन्न हुआ महापर्व
ऐसी मान्यता है कि छठ में डूबते सूर्य की पूजा करने से मान-सम्मान बढ़ता है और उगते सूर्य की पूजा करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है. कई जगह ऐसी मान्यताओं का भी जिक्र है जिसमें कहा गया है कि शाम के वक्त सूर्य अपनी दूसरी प्रत्युषा के साथ रहते हैं और प्रसन्न भाव होते हैं.
नई दिल्ली: बिहार समेत देश के कई राज्यों में आस्था का महापर्व छठ बेहद धूमधाम से मनाया गया. आज सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ महापर्व का समापन हो गया. छठ पूजा का ये दूसरा और आखिरी अर्घ्य है. ब्रहममूहूर्त में अंधेरे से ही नदी और तालाबों के किनारे बने घाटों पर श्रद्धालुओं का जुटना शुरू हो गया. महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान रविवार को नहाय खाय के साथ शुरू हुआ था. सोमवार को खरना पूजा भी संपन्न हुई तो वहीं मंगलवार शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया.
Delhi: Devotees gather at Kashmiri Gate chhath ghat to perform #ChhathPuja. pic.twitter.com/MlMpyeOPJ7
— ANI (@ANI) November 13, 2018
व्रतियों ने शाम में खड़े होकर भगवान भास्कर की आराधना की. सूर्य अस्त होने के बाद सभी लोग घर की ओर प्रस्थान वापस गए. आज सुबह से ही व्रतियों का घाटों पर जुटना शुरू हो गया. उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ का व्रत संपन्न हो जाएगा. इसके बाद वहां मौजूद लोगों के बीच ठेकुआ और पूजा में उपयोग किए गए फलों को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा.
Jharkhand: Devotees gather at the chhath ghat near Shalimar, Vidhan Sabha in Ranchi to perform #ChhathPuja. pic.twitter.com/vXPDjoWV5f
— ANI (@ANI) November 14, 2018
ऐसी मान्यता है कि छठ में डूबते सूर्य की पूजा करने से मान-सम्मान बढ़ता है और उगते सूर्य की पूजा करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है. कई जगह ऐसी मान्यताओं का भी जिक्र है जिसमें कहा गया है कि शाम के वक्त सूर्य अपनी दूसरी प्रत्युषा के साथ रहते हैं और प्रसन्न भाव होते हैं. माना जाता है कि इस वक्त उनकी पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है.
चार दिनों तक चलने वाले इस पूजा में घर के सभी सदस्य भाग लेते हैं. नए नए कपड़े पहन कर सभी लोग छठ घाट तक जाते हैं और वहां होने वाले पूजा में शामिल होते हैं. इस दौरान बच्चों में खासा जोश देखने को मिलता है. इस दौरान जो लोग इस व्रत को नहीं कर रहे होते हैं वह व्रती के सूप को जल अर्पण करते हैं.