जम्मू: माता वैष्णो देवी के भक्तों के साल भर का इंतजार खत्म हो गया है. श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने माता के दर्शनों के लिए आ रहे सभी श्रद्धालुओं के लिए प्राचीन गुफा के कपाट खोल दिए हैं. इस खबर के बाद माता के भक्तों में खुशी की लहर है. श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने कोरोना को देखते हुए कुछ प्रोटोकॉल्स भी जारी किए हैं. श्रद्धालु शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए और मास्क पहनकर प्राचीन गुफा के दर्शन कर सकते हैं. प्राचीन गुफा को तभी खोला जाता है जब श्रद्धालुओं की संख्या बेहद कम हो. वर्तमान में श्राइन बोर्ड ने केवल 10000 यात्रियों के ही ऊपर जाने की अनुमति दी है.


पौराणिक कथाओं के अनुसार मां वैष्णो देवी जी की प्राचीन गुफा में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास है. मान्यता के मुताबिक जब भैरवनाथ माता वैष्णो देवी जी को पकड़ने के लिए उनके पीछे लगे थे, तो भवन पर इसी प्राचीन गुफा के भीतर जाकर माता वैष्णो देवी ने तपस्या की थी. मान्यता है कि भैरवनाथ से बचाने के लिए हनुमान जी गुफा के बाहर पहरा देने लगे थे.


इस दौरान भैरवनाथ गुफा के बाहर आकर अंदर जाने की कोशिश की, लेकिन हनुमान जी ने उन्हें रोका और इसी बीच माता वैष्णो देवी जी प्रकट हो गई और मां ने भैरवनाथ का वध कर दिया. भैरव नाथ का सर भैरव घाटी में जाकर गिरा और शरीर गुफा के प्रवेश द्वार पर गिर गया. तब से ही माता वैष्णो देवी जी ने भैरवनाथ को वरदान दिया कि जो श्रद्धालु माता के दर्शनों के लिए आएगा वह भैरव घाटी के दर्शन जरूर करेगा.


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