नई दिल्ली: दुनियाभर के वैज्ञानिक और डॉक्टर इन दिनों कोरोना की दवा या वैक्सीन की तलाश में जुटे हुए है. वहीं इस बीच कई दवाओं का क्लीनिकल ट्रायल भी चल रहा है. ऐसी एक दवा है जिसके नतीजे कोरोना के इलाज में काफी अच्छे आए. इस दवा का नाम है डेक्सामेथासोन, जोकि एक तरह की स्टेरॉयड है. इस पर अध्यन करने वाले डॉक्टरों की मानें तो कम मात्रा और कम दिन के लिए दवा ली जाए तो मॉडरेट और गंभीर मरीजों की जान बच सकती है.


ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक, जांच में कुछ अच्छे नतीजे मिले हैं. इस रिसर्च में 2104 मरीजों को दवा दी गयी और उनकी तुलना 4321 मरीजों से की गयी जिनकी साधारण तरीके से देखभाल हो रही थी और ये दवा नहीं दी गई थी. दवा के इस्तेमाल के बाद सांस संबंधी मशीनों जैसे वेंटिलेटर के साथ उपचार करा रहे मरीजों की मृत्यु दर 35 फीसदी कम हुई. जिन लोगों को ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जा रही था उनमें भी मृत्यु दर 20 फीसदी कम हुई. यानी दवा जिन मरीजों को दी गई उन्हें फायदा हुआ.


रिसर्च में सामने आए नतीजों के मुताबिक ये दवा संक्रमण के कारण होने वाली मौत के आंकड़े को एक तिहाई तक कम कर सकती है. वहीं ये दवा एक तरह की स्टेरॉयड है इसलिए कम मात्रा में दस दिन तक लेने चाहिए. वहीं ये दवा या नली से मरीज को दी जा सकती है.  भारत के डॉक्टरों का मानना है ये दवा पुरानी है लेकिन अभी जो रिसर्च आई है उसमे ये सिर्फ उनके लिए लाभदायक है जिन्हें दवा के साथ ऑक्सीजन सपोर्ट है.


मैक्स हैल्थ केयर के डॉ सुजीत झा कहते हैं कि ऑक्सफोर्ड स्टडी में पाया गया कि कोविड-19 की जो मरीज बीमार हैं जिन्हें वेंटीलेटर की ऑक्सीजन की जरूरत है. यानी इसका मतलब डेक्सामेथासोन से हर पेशेंट को फायदा है यह भी प्रूव नहीं हुआ है. प्रूव उनमें है जिनको स्वेलिंग है और जो वेंटिलेटर पर हैं.



डॉक्टरों का मानना है की डेक्सामेथासोन एक पावरफुल स्टेरॉयड है जो कि एंटी इन्फ्लेमेटरी का काम करता है. ये दवा सालों से दी जाती है. वहीं ये बहुत ही सस्ती दवा है और बहुत आम तौर पर यूज दवा है और पहली बार कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल की गई. लेकिन ये दवा सिर्फ और सिर्फ डॉक्टरों की सलाह और उनके निर्देश पर ही ले क्योंकि इसके एडिक्शन और साइड इफेक्ट दोनों है.


डॉ सुजीत झा कहते हैं, ‘’ भारत में आईसीयू कंडीशन जनरल कंडीशन में भी इसका इस्तेमाल होता है. डेक्सामेथासोन की बात है एक दवा है जिसका एडिक्शन भी हो सकता है और साइड इफेक्ट भी हो सकता है.’’ वहीं अभी आई रिसर्च में बहुत कुछ समझना बाकी है. ऐसे में लोगो कोरोना से बचने के लिए अपने आप से ये दवा कतई न लें. वहीं डॉक्टर भी कई स्तिथियों को जांचने के बाद ही ये दवा देगा.


डॉ सुजीत झा के मुताबिक, जो भी पेशेंट हैं जब तक डॉक्टर का सुपरविजन ना हो या जिनको ऑक्सीजन की कमी ना हो डॉक्टर और जब तक उन्हें प्रिसक्राइब नहीं करेंगे, आप कोविड-19 से बचने के लिए डेक्सामेथासोन न लें. ये उल्टा काम कर सकता है.


डेक्सामेथासोन दवा काफी लंबे समय से इस्तेमाल में ली जा रही है. डेक्सामेथासोन एक स्टेरॉयड है जिसका इस्तेमाल सांस की समस्या, एलर्जिक रिएक्शन, ऑर्थराइटिस और सूजन के इलाज के लिए किया जाता है.


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