नई जनवरी: 15 जनवरी को सरकार और किसानों के बीच होने वाली बैठक को लेकर फ़िलहाल स्थिति साफ़ नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार में इस बात पर मंथन चल रहा है कि प्रस्तावित बैठक करवाई जाए या नहीं. किसान आंदोलन ख़त्म करने के लिए 8 जनवरी को सरकार और किसानों के बीच हुईं आठवीं दौर की बैठक में ये तय हुआ था कि अगली दौर की बातचीत 15 जनवरी को होगी. लेकिन इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने मामले में कमिटी बनाने का आदेश देकर सरकार के लिए असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है.
सूत्रों के मुताबिक़ सरकार इस मसले पर क़ानूनी जानकारों की राय ले रही है. सरकार गुरुवार को इस मसले पर अंतिम फ़ैसला ले सकती है.
कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पहले ही साफ़ कर दिया था कि वो कमिटी बनाए जाने के विरोध में हैं और कमिटी की बैठकों में नहीं जाएंगे. इन संगठनों का कहना है कि वो सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार हैं.
अंतिम फैसला लिया जाना अभी बाकी
एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब 15 तारीख को होने वाली बैठक को लेकर सरकार चर्चा करेगी और उसके बाद तय किया जाएगा कि 15 जनवरी को बैठक होगी या नहीं. कैलाश चौधरी का यह बयान इस वजह से भी मायने रखता है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कमेटी का गठन कर दिया है. उस कमेटी का मकसद यही है कि सरकार और किसानों को एक मंच पर लाकर बातचीत शुरू हो सके. ऐसे में क्या सरकार अभी भी किसानों से अलग बातचीत करेगी या कमेटी के सामने ही बातचीत होगी इसको लेकर अंतिम फैसला लिया जाना बाकी है.
किसान संगठन और सरकार की 15 जनवरी को होने वाली बैठक को लेकर उठे सवाल
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