Pee-Gate: 'भारतीय विमानन के लिए सबसे शर्मनाक दौर था...', एयर इंडिया में पेशाब की घटनाओं पर बोले DGCA प्रमुख
DGCA Chief Arun Kumar: डीजीसीए चीफ अरुण कुमार ने कहा कि हवाई यात्रियों की ओर से अनियंत्रित व्यवहार की घटनाएं नियंत्रण में हैं. नियमों को अब सख्ती से लागू किया जाता है.
DGCA Chief On Pee-Gate Case: देश में पिछले कुछ दिनों एयर इंडिया कंपनी काफी चर्चा में थी. एयर इंडिया के विमानों में कथित पेशाब की घटनाएं सामने आई थीं. इन घटनाओं पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एक्शन भी लिया था. अब इस पर डीजीसीए के महानिदेशक अरुण कुमार की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उन्होंने इसे सबसे शर्मनाक दौर बताया है.
डीजीसीए डीजी अरुण कुमार ने एएनआई से बातचीत में कहा, "एयर इंडिया की दो घटनाएं बेहद शर्मनाक थीं. हालांकि वे खतरनाक नहीं थीं, लेकिन हमने उनके खिलाफ भी कार्रवाई की है." उन्होंने कहा, "इस तरह की घटनाएं बहुत कम रिपोर्ट की जाती हैं और अगर ऐसा हो रहा है और मामले की रिपोर्ट डीजीसीए को की जाती है, तो हम उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे."
विमानन कमियों की जानकारी हुई
डीजीसीए डीजी ने कहा, "हाल के दिनों में एयर इंडिया की कहानी खबरों में रही है, इनसे देश को अपनी विमानन कमियों के बारे में जानकारी हुई है." डीजीसीए अब खुद को अपग्रेड करने पर फोकस कर रहा है. अरुण कुमार ने बताया, "हम पहले ही DGCA को अपग्रेड और मजबूत करने के लिए विस्तार योजना पर चर्चा कर चुके हैं. हम अहमदाबाद, जयपुर, अगरतला, अमृतसर, नागपुर और देहरादून में 6 नए क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की भी योजना बना रहे हैं."
DGCA के बारे में जानकारी दी
उन्होंने बताया, "वर्तमान में DGCA के 14 स्थानों पर है और विस्तार के बाद भौगोलिक स्थानों के मामले में यह आंकड़ा 19 तक पहुंच जाएगा." उन्होंने आगे बताया, "डीजीसीए नियामक निरीक्षण को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती भी कर रहा है." उन्होंने ये भी कहा, "मौजूदा 14 स्थानों पर DGCA के लगभग 700 कर्मी तैनात हैं. ये कर्मी वायु सुरक्षा अधिकारी, हवाई अड्डे के अधिकारी, इंजीनियर आदि हैं."
अरुण कुमार का सबसे कठिन दौर
डीजीसीए चीफ अरुण कुमार ने भारत के विमानन नियामक चीफ के तौर पर अपने शुरुआती दिनों में अपने सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य को याद करते हुए कहा, "डीजीसीए में मेरे कार्यकाल के शुरुआती दिनों में हवा में जेट इंजन की विफलता जैसी घटनाएं सबसे कठिन दौर थीं. एविएशन रेगुलेटर के प्रमुख के रूप में मेरे लिए एयरलाइंस को जल्द से जल्द इंजन बदलने के लिए कहना बहुत चुनौतीपूर्ण था." जेट इंजनों के बारे में अरुण कुमार ने कहा, "सभी इंजन एक ही कंपनी (एयरबस परिवार) के थे."
अरुण कुमार ने कहा, "जब सभी खराब इंजनों को बदलने के लिए कहा गया. एयरलाइंस सहित एयरबस ने डेढ़ साल का समय दिया, लेकिन डीजीसीए ने इसे बदलने के लिए तीन महीने का समय दिया था." उन्होंने एएनआई को बताया, "डीजीसीए ने साफ कहा था कि अगर इंजन में बदलाव नहीं किया गया तो हम विमान को ग्राउंड कर देंगे." उन्होंने आगे कहा, "यात्री सुरक्षा की सर्वोपरिता को मजबूत करना किसी भी विमानन उद्योग का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है और देश इसे अत्यंत महत्वपूर्ण मानता है."