नई दिल्लीः देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सोमवार को घरेलू उड़ानों पर किराए की कैपिंग को 31 मई तक बढ़ा दिया और 80 प्रतिशत कैपिसिटी को भी बरकरार रखा है.
पिछले साल, कोरोनोवायरस महामारी की पहली लहर के दौरान लगे लॉकडाउन के बाद उड़ानों का संचालन बंद हो गया था और करीब दो महीन बाद फिर शुरू हुआ तब विमानन नियामक ने एयरफेयर कैप लगा दिया था. फरवरी में DGCA ने न्यूनतम प्राइस बैंड पर 10 प्रतिशत और मैक्सिमम प्राइस बैंड पर 30 प्रतिशत की लिमिट बढ़ा दी थी.
कार्गो पर लागू नहीं होगा बैन
सर्कुलर में कहा है कि “दिनांक 26-6-2020 के सर्कुलर में आंशिक संशोधन से सक्षम प्राधिकारी ने सर्कुलर की वैधता को आगे बढ़ाकर शेड्यूल्ड इंटरनेशनल वाणिज्यिक यात्री सेवाओं के संबंध में 30 अप्रैल कर दिया है. यह प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय कार्गो और डीजीसीए द्वारा अप्रूव्ड उड़ानों पर लागू होता नहीं होगा. ”
मार्च में 108 हवाई अड्डों से उड़ानों की दी थी अनुमति
मार्च में एविएशन रेगुलेटर ने समर शेड्यूल के तहत काम करने के लिए 108 हवाई अड्डों से प्रति सप्ताह 18,843 उड़ानों की अनुमति दी थी. एक ट्वीट में DGCA ने कहा कि “प्रति सप्ताह 18,843 उड़ानों को 108 हवाई अड्डों के लिए / से अंतिम रूप दिया गया है. इन 108 हवाई अड्डों में से बरेली, बिलासपुर, कुरनूल और रूपसी शेडल्यूड एयरलाइनों द्वारा प्रस्तावित नए हवाई अड्डे भी शामिल हैं ”
कोविड-19 नियमों का पालन नहीं करने वाले यात्रियों पर कार्रवाई करने के लिए कहा
कोविड -19 स्थिति के कारण उड़ानों में सीमित ऑक्यूपेसी के कारण यह निर्णय लिया गया. DGCA ने 30 अप्रैल तक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. हालांक केस टूके स बेसिस पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा चुनिंदा रूट्स पर इंटरनेशनल शेड्यूल फ्लाइट्स को अनुमति दी जा सकती है. इसके साथ ही एयरपोर्ट अधिकारियों को कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करने वाले यात्रियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है.
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