DGCA Action To Go First Air: देश में बीते कुछ दिनों से फ्लाइट में यूरीनेट का मामला सुर्खियों में है. इसी बीच गो फर्स्ट एयरलाइंस की बड़ी गलती सामने आई है. गो फर्स्ट एयरलाइन की फ्लाइट 50 से अधिक यात्रियों को छोड़कर ही चली गई. इस मामले में विमानन क्षेत्र की नियामक संस्था DGCA ने गो फर्स्ट एयरलाइंस को रिपोर्ट तलब की है.
गो फर्स्ट एयरलाइन के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए डीजीसीए कहा, "उनके विनियामक दायित्वों के उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई क्यों न की जाए?" गो फर्स्ट को अपना जवाब दाखिल करने के लिए डीजीसीए ने दो सप्ताह का समय दिया है.
डीजीसीए ने जताई घटना पर नाराजगी
डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई न्यूज एजेंसी को बताया, "एक रिपोर्ट मांगी गई है और उचित कार्रवाई की जाएगी. रिपोर्ट्स से संकेत मिलता है कि एयरलाइन को अपनी गलती का एहसास होने के बाद भूले हुए यात्रियों के लिए एक अलग उड़ान की व्यवस्था की गई." नियामक ने कहा कि वह मामले को देख रहा है, जबकि ट्विटर पर कई लोगों ने सबसे भयानक अनुभव के लिए एयरलाइन की आलोचना की है.
9 जनवरी को हुई थी यह घटना
बता दें कि एयरलाइन की उड़ान 9 जनवरी को बेंगलुरू हवाई अड्डे पर 50 से अधिक यात्रियों को सवार करना भूल गई थी. TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ये घटना सोमवार की सुबह 5.45 बजे पर हुई. इस समय Go First की फ्लाइट G8 116 को बेंगलुरु से यात्रियों को लेकर दिल्ली जाना था. बेंगलुरु हवाई अड्डे पर फ्लाइट 50 से अधिक यात्रियों को सवार करना भूल गई थी.
यात्रियों ने सोशल मीडिया पर निकाली भड़ास
दरअसल, 55 में से 53 यात्रियों को दिल्ली के लिए दूसरी एयरलाइन में स्थानांतरित कर दिया गया था जबकि, 2 ने रिफंड मांगा था. इसका एयरलाइन की ओर से भुगतान कर दिया गया था. कई यात्रियों ने सोमवार को सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि विमान में चढ़ने के लिए शटल बस में इंतजार करने के कारण उन्हें पीछे छोड़ दिया गया.
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