Pilot Fitness Test: भारतीय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने देश में पहली बार ट्रांसजेंडर पायलटों (Transgender Pilots) को विमान उड़ाने की अनुमति दी है. इसको लेकर बुधवार को मेडिकल से जुड़ी गाइडलाइन (Medical Guidelines) जारी की हैं. इस गाइडलाइन के हिसाब से अब ट्रांसजेंडर पायलटों को विमान (Plane) उड़ाने की अनुमति मिल सकती है. वहीं, नागर विमानन मंत्रालय ने विमान किराए पर लगाई गई सीमा को हटा दिया है. 31 अगस्त से यह आदेश लागू हो जाएगा.
दरअसल भारत के पहले ट्रांसजेंडर पायलट एडम हैरी को पहले डीजीसीए ने विमान उड़ाने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था. एडम के प्रयासों के कारण ही डीजीसीए को अपनी नीतियों में बदलाव करना पड़ा है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक डीजीसीए के इस निर्णय को एडम हैरी ने ऐतिहासिक बताया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देशों में ये सर्कुलर 5 से 6 साल पहले जारी हो गया था.
क्या कहा गया जारी गाइडलाइन में
डीजीसीए ने बुधवार को जारी गाइडलाइन में कहा है कि एक ट्रांसजेंडर आवेदक की फिटनेस का आंकलन उसकी कार्यात्मक क्षमता और अक्षमता के जोखिम का आंकलन करने के सिद्धातों का पालन करते हुए किया जाएगा. इसमें ये भी कहा गया है कि ऐसे ट्रांसजेंडर आवेदक जिन्होंने पिछले पांच सालों के भीतर हार्मोन थेरेपी ली हो या लिंग पुनर्मूल्यांकन सर्जरी कर चुके हैं, उनकी मानसिक स्वास्थ्य स्थिति के लिए जांच की जाएगी.
दिशानिर्देशों में ये भी कहा गया है कि आवेदक को लाइसेंस के लिए अप्लाई करने के समय प्रशिक्षण एंडोक्रोनोलॉजिस्ट की एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा. इसमें आवेदक के लिए जा रहे हार्मोन थेरेपी के विवरण जैसे- थेरेपी की अवधि, खुराक, किए गए परिवर्तन, हार्मोन्स परख रिपोर्ट और साइड इफेक्ट आदि शामिल होंगे. दिशा निर्देशों में ये भी कहा गया है कि ऐसे आवेदक जो हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी करवा रहे हैं या लिंग पुनर्मूल्यांकन सर्जरी से गुजर रहे हैं, उन्हें कम से कम तीन महीने के लिए चिकित्सकीय रूप से अनफिट घोषित किया जाएगा.
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