DGCA Lifts Restrictions: तकनीकी खामियों के जलते डीजीसीए के रडार पर आने के बाद प्रतिबंध झेल रही स्पाइसजेट (SpiceJet) को सिविल एविएशन रेगुलेटर की तरफ से राहत दी गई है. डीजीसीए (DGCA) ने स्पाइसजेट की फ्लाइट्स पर लगी 50 फीसदी की पाबंदी को हटा दिया है. अब 30 अक्टूबर के बाद से स्पाइसजेट 100 प्रतिशत क्षमता के साथ फ्लॉइट्स को ऑपरेट करेगा.


डीजीसीए के जारी किए गए विंटर शेड्यूल के मुताबिक, स्पाइसजेट को हर सप्ताह 3,193 फ्लाइट्स को ऑपरेट करने की इजाजत दी गई है. ये 2021 के मुकाबले 6.6 फीसदी ज्यादा है. ये विंटर शेड्यूल 30 अक्टूबर 2022 से प्रभावी होगा और 25 मार्च 2023 तक रहेगा. 21 सितंबर को सिविल एविएशन रेगुलेटर (DGCA) ने ऑपरेटिंग कैपिसिटी पर लगे कैप को बढ़कार 29 अक्टूबर तक कर दिया था.


इसलिए डीजीसीए के रडार पर आई थी एयरलाइंस


कई सारी तकनीकी समस्याओं के चलते स्पाइसजेट डीजीसीए की निगरानी में आ गया था, जिसके बाद 27 जुलाई को स्पाइजेट के समर शेड्यूल में उड़ानों में 50 फीसदी तक की कमी कर दी गई थी. शुरुआत में इसे 8 सप्ताह के लिए लागू किया गया था. समर शेड्यूल में स्पाइसजेट हर सप्ताह अधिकतम 2,096 फ्लाइट्स को ही संचालित कर रहा था. डीजीसीए ने जुलाई के रिव्यू में सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए फ्लाइट को प्रतिबंधित कर दिया था. 


हैदराबाद में Q400 एयरक्राफ्ट की हुई इमरजेंसी लैंडिग


डीजीसीए ने हैदराबाद में स्पाइसजेट के Q400 एयरक्राफ्ट की इमरजेंसी लैंडिग के बाद जांच भी शुरू की थी. वहीं 12 अक्टूबर को फ्लाइट के केविन में धुआं उठता हुआ दिखा था. इस घटना के बाद डीजीसीए ने एरलाइन को हर 15 दिन के अंतराल के बाद इंजन ऑयल के सैंपल की जांच को भेजने के लिए कहा था. इससे पहले इंजन ऑयल सैंपल को जांच के लिए 30 दिनों के अंतर पर भेजा जाता था. इस वक्त स्पाइसजेट के पास14  Q400 एयरक्राफ्ट मौजूद है.  


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