Jammu & Kashmir Police: दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में आज एक मुठभेड़ में पाकिस्तानी आतंकी फुरकान और जैश-ए-मोहम्मद के IED एक्सपर्ट यासिर के मारे जाने को एक बड़ी कामयाबी बताते हुए जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक ने दक्षिण कश्मीर में हो रही आतंकी वारदातों को लेकर चिंता जताई है. 


डीजीपी ने कहा कि हमारे लिए यह चिंता का विषय है कि अभी भी यहां पर कुछ आतंकी तत्व लगातार सक्रिय हैं. जिनमें कुछ अलग-अलग आतंकी संगठनों के नामी कमांडर और पाकिस्तानी आतंकी शामिल हैं. जो यहां पर उनके साथ मिलकर काम कर रहे हैं.उन्होंने कहा कि यह तत्व लोगों के जान माल के नुकसान और यहां के अमन-चैन को भंग करने की कोशिश में लगातार रहते हैं. डीजीपी के मुताबिक जिस तरीके से यहां सभी सुरक्षा एजेंसियां  समन्वय के साथ काम कर रही हैं उसके चलते यहां पर अमन का माहौल और बेहतर बनेगा.


वहीं आतंकी संगठनों के साथ काम करने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि "टीआरएफ" जो अभी तक केवल एक सोशल मीडिया इकाई थी लेकिन अब उसे आतंकी संगठन घोषित करने के लिए काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसमें जैश, लश्कर और लश्कर के अन्य संबंधी काम करते हैं. कार्यवाही कोई भी संगठन करे लेकिन उसे टीआरएफ के खाते में जोड़ दिया जाता है. 


उन्होंने कहा कि टीआरएफ को जिस तरह से पाकिस्तान एजेंसियां पेश कर रही है, वो दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि इसे यहाँ के स्थानीय लोग चला रहे हैं. डीजीपी ने कहा कि अच्छी बात यह है कि इसमें यहां के स्थानीय लोगों की शामिल होने की संख्या बहुत कम है. इस संगठन के साथ केवल ऐसे लोग ही जुडे हुए हैं जो पाकिस्तान के इशारों पर काम कर रहे हैं. 


उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय से टीआरएफ के खिलाफ जो भी कार्यवाही हुई है उसमें काफी सफल ऑपरेशन श्रीनगर और श्रीनगर के बाहर हुए हैं. उम्मीद है कि उनकी हर कोशिश को नाकाम करने में सफलता हासिल होगी.गौरतलब है कि दक्षिण कश्मीर में आतंकियों की संख्या को लेकर डीजीपी ने कहा कि जितने आतंकी सक्रिय हुआ करते थे वर्तमान में उनकी संख्या उससे काफी कम हो गई है. उन्होंने कहा उम्मीद है कि कुछ समय के बाद यह संख्या और कम हो जाएगी.


इस बीच घुसपैठ को लेकर डीजीपी ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से लगातार कोशिशें की जा रही हैं. पिछले दो-तीन महीने के अंदर राजौरी और पुंछ सेक्टर को एक्टिव करने की कोशिश की गई थी, इसके अलावा बांदीपोरा, कुपवाड़ा और बारामुला में भी ऐसी ही कोशिशें की गई थी.


Omicron: 'एट रिस्क' देशों से आए 3476 यात्रियों में से 6 में कोरोना की पुष्टि, जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए सैंपल


Booster Dose: सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने बूस्टर डोज़ के लिए DCGI से मांगी मंज़ूरी