नई दिल्ली: यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि अयोध्या मामले में सु्प्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर राज्य की पुलिस लगातार अलर्ट की स्थिति में है और जब तक जरूरी होगा इसी स्थिति में रहेगी. साथ ही अफवाहों और फर्जी संदेशों को लेकर विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नजर रखी जा रही है.
सिंह ने कहा कि राज्य में अफवाह फैलाने के सिलसिले में 70 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और आगे की कार्रवाई के लिए 270 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट के बारे में रिपोर्ट की गई है. उन्होंने कहा कि फैसला पिछले सप्ताह आने के बावजूद प्रत्येक जिला "तैयारी की उच्च स्थिति में है" और अभी तक किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.
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उन्होंने कहा,"आठ पुलिस जोन बड़े रणनीतिक स्तर पर काम कर रहे हैं. अतिरिक्त डीजी सीएपीएफ और अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले विभागों के साथ मिलकर कार्रवाई का प्रभावी समन्वय कर रहे हैं. जिला स्तर पर, प्रत्येक जिले को केंद्रित प्रतिक्रिया के लिए जोन और सेक्टरों में बांटा गया है. जब तक जरूरी होगा हम अलर्ट की स्थिति में रहेंगे."
सोशल मीडिया पर फैक्ट चेक
डीजीपी ने कहा कि एक विशेष टीम को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ऐसे संदेशों पर रोक लगाने की जिम्मेदारी दी गई है ताकि अफवाहों को शांत करने के साथ ही उनका तथ्यों से मुकाबला किया जा सके.
उन्होंने कहा," लखनऊ स्थित मुख्यालय में हमारी एक सोशल मीडिया इकाई है जिसका नेतृत्व पुलिस अधीक्षक रैंक के एक अधिकारी कर रहे हैं. यह इकाई जिला सोशल मीडिया इकाइयों के साथ समन्वय करती है. वे स्वयं को टैग किये गए और अन्य संदेशों को संज्ञान में लेते हैं और आपत्तिजनक सामग्री हटवाते हैं. साथ ही जरूरी विधिक कार्रवाई करते हैं."
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उन्होंने कहा कि सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नजर रखी जा रही है. डीजीपी ने कहा,"फर्जी खबर की तुरंत ही जांच की जाती है और इसका खंडन जारी किया जाता है. ऐसा अक्सर जिला पुलिस अधीक्षकों द्वारा किया जाता है. अफवाह फैलाने के खिलाफ परामर्श उच्चतम स्तर से जारी किये गए हैं. हमने 70 से अधिक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है और 270 से अधिक अकाउंट के बारे में रिपोर्ट की है."
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त करीब तीन लाख डिजिटल वालंटियर से सम्पर्क करके उन्हें फर्जी खबरों की सूचना देने और सही सूचना प्रसारित करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि एक नम्बर 8874327341 सार्वजनिक किया गया है जिस पर लोग फर्जी पोस्ट के बारे में सूचना दे सकते हैं.
राज्य में पीएसी की 228 कंपनियां तैनात
डीजीपी ने कहा कि सु्प्रीम कोर्ट द्वारा पिछले सप्ताह नौ नवम्बर को अयोध्या में विवादास्पद स्थल पर राममंदिर का मार्ग प्रशस्त करने और मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन प्रदान करने वाले फैसले के बावजूद सुरक्षा निगरानी अभ्यास पूरे समय जारी हैं.
डीजीपी ने कहा,"प्रतिदिन हम मुख्यालय से रिपोर्ट, वीडियो कान्फ्रेंस और सीधे सम्पर्क के जरिये विश्वास निर्माण और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करते हैं. हमने जोनल सेक्टर योजना सक्रिय की है और सभी अधिकारियों और कर्मियों से लगातार सचल रहने, विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में लगातार जांच करते रहने को कहा है. त्वरित प्रतिक्रिया टीमों को सक्रिय कर दिया गया है."
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डीजीपी ने कहा," हमने राज्य में पीएसी की 228 कंपनियां, सीएपीएफ की 40 कंपनियों के साथ ही नागरिक पुलिस और होमगार्ड की तैनाती की है."
अयोध्या में पुलिस बूथ की संख्या के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सीएपीएफ की 21 कंपनियां, पीएसी की 40 कंपनी, आतंकवाद निरोधक दस्ता, बम निरोधक और निष्क्रिय दस्ते के साथ ही नागरिक पुलिस की भी तैनाती की गई है.
हथियारों पर पुलिस की निगाह
उत्तर प्रदेश में पिछले साल जनवरी से उत्तर प्रदेश पुलिस का नेतृत्व कर रहे सिंह ने कहा,"अकेले इस महीने 326 अवैध हथियार जब्त किये गए और दो हथियार कारखानों का भंडाफोड़ किये गया. लाइसेंसी हथियारों का दुरुपयोग रोकने के लिए 172610 लाइसेंसी हथियारों की अभी तक जांच की जा चुकी है और 57 हथियार लाइसेंस निलंबित किये गए हैं."
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उन्होंने कहा,"इससे असमाजिक तत्वों को कड़ा संदेश गया है. साथ ही 65 हजार से अधिक संभावित उपद्रवियों के खिलाफ ऐहतियाती कार्रवाई की गई है. किसी भी जुलूस या जीत के जश्न की इजाजत नहीं दी जा रही है. अफवाहों को जल्द शांत करने और संबंधित के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिये गए है. हम सभी से माननीय सु्प्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने को कह रहे है."