नई दिल्लीः विश्व हिंदू परिषद ने आज दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल धर्मसभा का आयोजन किया था जिसका समापन हो गया है. रामलीला मैदान में धर्मसभा के समापन के बाद बड़ी संख्या में आए लोग अब वापस जा रहे हैं. देश के कोने कोने से आए हुए लोगों ने उम्मीद जताई है कि इस बार लोक सभा चुनाव के पहले पहले अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा. धर्म सभा में आए लोगों का कहना था कि सरकार चाहे अध्यादेश लाए या फिर कानून बनाए लेकिन किसी भी हालत में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराए नहीं तो हम सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे.


विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों के साथ आरएसएस के सरकार्यवाहक भैयाजी जोशी ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया. धर्मसभा में भारी संख्या में लोग इकट्ठे हुए जिनकी एक ही मांग थी कि जल्द से जल्द राम मंदिर निर्माण का कार्य पूरा हो.



धर्म सभा खत्म होने के बाद रामलीला मैदान के आसपास की सड़कों पर लंबा जाम लग गया. नोएडा से प्रगति मैदान होते हुए आईटीओ जाने वाले रास्ते पर लंबा जाम देखने को मिला. जिन बसों में भरकर लोग आए थे उन्हे फ्लाइओवर्स पर ही रोक दिया गया था. इसके थोड़ी देर बाद लोग बसों में भरकर वापसी कर रहे थे.


परमानंद महाराज ने दिया अजीब बयान
इसी सभा में जब ये कहा गया कि जब तक पीएम नरेंद्र मोदी मंदिर नहीं बनवाते तब तक उन्हें गद्दी से नहीं उतरने देंगे. इस पर परमानंद महाराज ने अजीब बयान देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी तो और देर लगवाएंगे और मंदिर नहीं बनवाएंगे. हम कहते हैं कि मंदिर बनवाओ नहीं तो गद्दी पर नहीं बैठने देंगे. हम चमचे नहीं हैं और सच बात कहते हैं.


न्यायालय का इंतजार करते करते हमारी सीमा आ गई है: भैयाजी जोशी
धर्मसभा में आरएसएस के सरकार्यवाहक भैया जी जोशी ने कहा, 'सत्ता में बैठे लोगों का संकल्प भी राम मंदिर निर्माण का है. उन्हें इस संकल्प के लिए आगे बढ़ना चाहिए. लोकतंत्र में संसद का अपना अधिकार और कर्तव्य है. हम भीख नहीं मांग रहे हैं, हम अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रहे हैं. आशा है सत्ता में बैठे लोग सकारात्मक दिशा में कदम उठाएंगे'


भैया जी जोशी ने कहा, ''अयोध्या में दर्शन करने वाले आज दुखी होते हैं. भक्त भव्य राम मंदिर में दर्शन करना चाहता है. सब चाहते हैं राम भव्य मंदिर में रहें. 1992 में काम अधूरा रह गया, ढांचा गिरा पर मंदिर नहीं बना. संविधान का रास्ता बाकी है, न्यायालय का इंतजार करते करते हमारी सीमा आ गई है. अब कानून बनाकर सरकार राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करे.''



पांच लाख राम भक्तों के पहुंचने का दावा, सुरक्षा में लगे 15000 जवान
इससे पहले वीएचपी ने अयोध्या में भी धर्मसभा की थी. रामलीला मैदान में आज पांच लाख राम भक्तों के पहुंचने का दावा किया गया. जिसके चलते रामलीला मैदान के आसपास के रास्ते बंद कर दिए गए थे. रैली की सुरक्षा के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों के पंद्रह हजार जवानों को तैनात किया गया है. दिल्ली के चप्पे चप्पे पर नजर रखी जा रही है. रामलीला मैदान में सुबह 7 बजे से लोगों के पहुंचने का जो सिलसिला शुरू हो गया, राम लीला मैदान के आस पास की सभी सड़कें खचाखच भरी नजर आ रहीं थीं. राम नाम जपते हुए लोग हाथों में झंडे लिए रामलीला मैदान की ओर बढ़ रहे थे. ट्रैफिक पुलिस ने अपनी व्यवस्था चाक चौबंद रखी.



रैली के लिए लंबे समय से चल रहा था अभियान
वीएचपी धर्मसभा के लिए एक दिसंबर से ही जनसंपर्क अभियान चला रही थी. धर्मसभा की जागरूकता के लिए विहिप ने दिल्ली-एनसीआर में 1 से 9 दिसम्बर के बीच जनसम्पर्क अभियान और रथयात्रा निकाली थी. वीएचपी का कहना है कि सरकार और सर्वोच्च न्यायालय इसके बाद भी राम मंदिर के निर्माण को लेकर कोई फैसला नहीं करता है तो जनवरी 2019 में प्रयागराज में होने वाले कुंभ मेले में इसको लेकर फैसला लिया जाएगा. बैठक सुबह 11 बजे से शुरू होगी.


कौन कौन हुआ शामिल?
धर्मसभा में जूना अखाड़ा के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी, श्रीजगन्नाथ पीठाधीश्वर जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य, महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद, परमानंद जी, साध्वी ऋतंभरा, आरएसएस के सरकार्यवाह सुरेश (भैया जी) जोशी, विहिप के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) विष्णु सदाशिव कोकजे और कार्याध्यक्ष आलोक कुमार सहित कई लोगों हिस्सा लिया.


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