नई दिल्ली: राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जनवरी तक टलने के बाद अब मांग उठने लगी है कि केंद्र सरकार अध्यादेश लेकर आए जिससे की राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ हो सके. केंद्र सरकार के ऊपर आरएसएस, वीएचपी और संत समाज की तरफ से लगातार दबाव बढ़ रहा है. दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में अखिल भारतीय संत समिति ने धर्मादेश नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया है जिसका मकसद यह है कि देश से जुड़े हुए कुछ अहम मुद्दों पर चर्चा की जा सके और फिलहाल इस धर्मादेश में सबसे अहम मुद्दा रहा, राम मंदिर का निर्माण कब और कैसे.


धर्मादेश के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से दिल्ली पहुंचे साधु संतों ने एक स्वर में जय श्री राम का नारा लगाते हुए एलान किया कि केंद्र सरकार जल्द ही राम मंदिर बनाने को लेकर अध्यादेश लेकर आए. संतों ने कहा, सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल ज्यादा उम्मीद नहीं बची है और ऐसे में सरकार कानून बनाकर राम मंदिर बनाने का रास्ता प्रशस्त करें.


इसी कार्यक्रम में पहुंचे बीजेपी के पूर्व सांसद और राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे रामविलास वेदांती ने मंच से राम मंदिर बनाने का वचन तक दे दिया. वेदांती ने मंच से वचन देते हुए कहा कि राम मंदिर बनाने का काम इसी साल दिसंबर से शुरू हो जाएगा.


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धर्मादेश में वैसे तो राम मंदिर के अलावा और भी कई मुद्दों पर चर्चा होती रही, जिसमें एनआरसी पूरे देश में लागू करना. अलग-अलग धर्मों के द्वारा फतवे जारी करना, आबादी नियंत्रण जैसे मुद्दे शामिल रहे. लेकिन सबसे अहम रहा राम मंदिर मुद्दा. यह धर्मादेश शनिवार और रविवार 2 दिन तक चलेगा जिसके बाद संत समाज इन मुद्दों पर कोई फैसला करेगा. ऐसे में सवाल यही है कि क्या संत समाज कोर्ट की सुनवाई का इंतजार करेगा या फिर सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसी आंदोलन का आगाज करेगा.


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