Dharmendra Pradhan On Unemployment: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार, 26 सितंबर को विरोधी दलों के शासित राज्यों में बढ़ती बेरोजगारी का मुद्दा उठाया और असफल रहने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि विशेष रूप से युवाओं के बीच बेरोजगारी के बढ़ते आंकड़े चिंताजनक हैं.


प्रधान ने यह टिप्पणी जुलाई 2023 से जून 2024 तक के पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) के ताजा आंकड़ों के संदर्भ में की, जिसमें विपक्ष शासित कई राज्यों में रोजगार सृजन की समस्या सामने आई है.


केरल में 15-29 आयु वर्ग में बेरोजगारी दर 29.9%


केंद्रीय मंत्री ने खास तौर पर केरल का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां 15-29 आयु वर्ग में कुल बेरोजगारी दर 29.9% है. सर्वेक्षण में लिंग के आधार पर बड़ा अंतर दिखा, जहां महिलाओं में बेरोजगारी दर 47.1% और पुरुषों में 17.8% रही. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "युवाओं, विशेष रूप से युवतियों, के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है और उनके अपने ही सरकारों की ओर से उन्हें झकझोर कर छोड़ दिया गया है. इन राज्यों में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के चलते हालात बेकाबू हो गए हैं."


धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्ष शासित राज्यों की नीतियों को दोषी ठहराते हुए कहा कि वहां की सरकारें अल्पकालिक लोकलुभावन वादों पर ज़्यादा ध्यान देती हैं और सतत आर्थिक विकास पर कम. उन्होंने आरोप लगाया कि अत्यधिक कर्ज़ और मुफ्त योजनाओं पर खर्च ने इन राज्यों की वित्तीय स्थिति को बिगाड़ दिया है, जिससे उनकी अर्थव्यवस्था नाजुक स्थिति में पहुंच गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी केंद्रीय शिक्षा मंत्री के भाषण पर ट्वीट किया है.






बीजेपी शासित राज्यों में बेरोजगारी दर कम


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों ने स्थिर शासन और वित्तीय प्रबंधन के कारण बेहतर प्रदर्शन किया है. मध्य प्रदेश (2.6%) और गुजरात (3.3%) जैसे राज्यों में युवाओं के बीच बेरोजगारी की दर काफी कम रही है. प्रधान के मुताबिक, इन राज्यों ने रोजगार सृजन और मजबूत वित्तीय नीतियों पर ध्यान केंद्रित किया, जिससे उनके आर्थिक ढांचे को वैश्विक चुनौतियों के बावजूद मजबूती मिली है.


धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "जब बीजेपी लगातार युवाओं को सशक्त करने और रोजगार सृजित करने की दिशा में काम कर रही है, वहीं विपक्ष कुप्रबंधन और अधूरे वादों में उलझा हुआ है."


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