धरमिंदर को एजेंट ने धोखे से भेजा था इराक, सुषमा स्वराज ने किया था बचाने का वादा
धरमिंदर के घरवालों की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से करीब 10 बार मुलाक़ात भी हुई थी. हर बार उन्होंने कहा कि बेटा आपको ज़िंदा है.
गुरदासपुर: गुरदासपुर के बटाला में रहने वाले धरमिंदर 2013 में इराक गए थे, लेकिन फिर वहां से वे कभी लौट के नहीं आ सके. धरमिंदर की ही तरह चार साल पहले इराक में आतंकी संगठन ISIS के हाथो बंधक बनाए गए 39 भारतीयों की मौत हो चुकी है. मंगलवार को संसद में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इसकी जानकारी दी. इस खबर को सुनते ही मृतक भारतीयों के घरवालों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. कई परिवारवाले सदमें हैं और ये मानने के लिए तैयार नहीं है कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा. पीड़ित परिवारों ने सरकार पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि सरकार ने हमें इतने सालों तक अंधेरे में रखा.
दर्द की कहानी
धरमिंदर को इराक जाने में एक एजेंट ने उनकी मदद की थी. एजेंट ने धरमिंदर से कहा था कि तुम्हे अच्छे देश भेजूंगा. लेकिन उसने उन्हे इराक भेज दिया. 2014 जून में आखिरी बार परिवारवालों की उनसे बात हुई थी. घरवालों की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से करीब 10 बार मुलाक़ात भी हुई थी. हर बार उन्होंने कहा कि बेटा आपको ज़िंदा है.
आखिरी बार जब घरवाले मिलने गए थे तो विदेश मंत्री ने कहा था कि नए साल में कोई खुशखबरी मिलेगी. मौत पर सरकार की पुष्टि के बाद अब धरमिंदर के परिवार वाले इसलिए नाराज़ हैं क्योंकि उम्मीद के बाद इस खबर के मिलने से इन्हें नए ज़ख्म मिले है.
अमृतसर के मनजिंदर सिंह की बहन गुरपिंदर भी यही सवाल उठा रही हैं कि सरकार को अगर ये जानकारी मिलीं तो पहले परिवार को क्यों नहीं बताया गया. अमृतसर के गुरचरण सिंह 2013 में इराक गए थे. बीमारी की हालत में भी उनके पिता को अब तक ये उम्मीद थी कि बेटा लौटेगा. पत्नी भी इसी आस में दिन काट रही थीं लेकिन अचानक मिली मौत की खबर इस परिवार के लिए किसी सदमे से कम नहीं है.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को इराक में बंधक बनाए गए 39 भारतीयों के मौत की पुष्टि की. सुषमा ने कहा कि लंबी खोज के बाद भारतीयों के शव मिल चुके हैं. हालांकि, 4 साल पहले एबीपी न्यूज़ ने बता दिया था कि आतंकी संगठन ISIS ने सभी लोगों की हत्या कर दी है.
कांग्रेस ने इसे लेकर पीएम मोदी की सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने मांग की कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को इसके लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए. साथ ही पार्टी ने यह भी कहा कि प्रत्येक मृतक के परिवारवालों को सरकार की ओर से दो करोड़ रुपये दिये जाएं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इन भारतीयों की मौत पर गहरा शोक जताया है.