Inspirational Quotes: धीरूभाई अंबानी और रतन टाटा के इन 5 फॉर्मूलों में छिपा है कामयाबी का राज
Ratan Tata Dhirubhai Ambani: धीरूभाई अंबानी ने यमन में एक पेट्रोल पंप पर 300 रुपये की नौकरी से शुरुआत की थी. वहीं, टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा पहले अपनी ही कंपनी में एक कर्मचारी बने थे.
Dhirubhai Ambani Ratan Tata: आज यानी 28 दिसंबर को भारत के दो दिग्गज उद्योगपतियों का जन्मदिन है. रिलायंस के संस्थापक धीरूभाई अंबानी का 90वां जन्मदिन है और टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा 85 साल के हो गए हैं. खाड़ी देश यमन में पेट्रोल पंप पर 300 रुपये की नौकरी से शुरुआत करने वाले धीरूभाई अंबानी ने रिलायंस जैसी कंपनी खड़ी कर दी.
वहीं, रतन टाटा ने टाटा ग्रुप में एक कर्मचारी के तौर पर शुरुआत कर अपने फैसलों के जरिये इसे वैश्विक कंपनी बना दिया. धीरूभाई अंबानी और रतन टाटा दोनों ने ही कामयाबी की नई परिभाषा खड़ी की. आइए जानते हैं धीरुभाई अंबानी और रतन टाटा के 5 इंस्पिरेशनल कोट्स के बारे में जिनमें उनकी कामयाबी का राज छिपा है.
धीरुभाई अंबानी की कामयाबी के 5 फॉर्मूले
1. बड़ा सोचें, तेज सोचें, आगे की सोचें. विचारों पर किसी का एकाधिकार नहीं है.
2. अगर आप गरीब पैदा हुए हैं, ये आपकी गलती नहीं है, लेकिन अगर आप गरीब रहकर ही मरते हैं, ये आपकी गलती है.
3. अगर आप अपने सपनों को पूरा नहीं करते हैं, तो कोई और आपको नौकरी पर रखकर अपने सपने पूरे कर लेगा.
4. डेडलाइन पर काम पूरा करना अच्छा नहीं है, डेडलाइन को पछाड़ कर काम करने की चाहत पैदा कीजिए.
5. युवाओं को एक सही वातावरण दीजिए. उन्हें प्रेरित कीजिए. जरूरत पड़ने पर उन्हें मदद दीजिए. उनमें से हर एक के पास ताकत का एक असीमित भंडार है. वो नतीजे देंगे.
रतन टाटा की कामयाबी के 5 फॉर्मूले
1. किसी की नकल करने वाला शख्स कुछ समय के कामयाब हो सकता है, लेकिन जिंदगी भर वो सफल नहीं होगा.
2. जिंदगी में आने वाले उतार-चढ़ाव आगे बढ़ने के लिए जरूरी हैं, क्योंकि ईसीजी मशीन तक में एक सीधी लकीर का मतलब होता है आप जिंदा नहीं हैं.
3. लोहे को कोई नष्ट नहीं कर सकता है, लेकिन उसकी जंग कर सकती है. इसी तरह किसी शख्स को कोई बर्बाद नहीं कर सकता, लेकिन उसकी मानसिकता कर सकती है.
4. मैं सही फैसले लिए जाने पर भरोसा नहीं करता. मैं फैसले लेता हूं और उन्हें सही साबित करता हूं.
5. अगर आप तेज चलना चाहते हैं, तो अकेले चलिए. अगर आप दूर तक जाना चाहते हैं, तो लोगों को साथ लेकर चलें.
ये भी पढ़ें: