Diabetes In India: हाल में आई ICMR की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ कि देश मे 10 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज की चपेट में हैं. यह आंकड़ा बहुत खतरनाक है. इस रिपोर्ट ने न सिर्फ डायबिटीज, बल्कि प्री- डायबेटिक और हाइपरटेंशन से ग्रस्त भारतीयों का आंकड़ा भी जारी किया है जो अपने आप मे चौंकाने वाला है.


रिपोर्ट के मुताबिक भारत मे 11.4 फीसदी भारतीय डायबिटिक हैं. 15.3 फीसदी भारतीय प्रीडायबेटिक हैं और 36 फीसदी भारतीयों को हाइपरटेंशन (हाई ब्लड प्रेशर) है. इसका मतलब है कि हर भारतीय परिवार में 1 से ज्यादा व्यक्ति मधुमेह, पूर्व मधुमेह या उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं. यह भयावह स्थिति है और हम एक बीमार देश में बदल रहे हैं. 


क्यों हो रही है यह बीमारियां?


एबीपी न्यूज़ ने इसके जवाब के लिए दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉक्टर अरुण गुप्ता से बात की जिन्होंने बताया कि, 'लाइफस्टाइल से जुड़ी हुई कई बीमारियां लोगों को अपना शिकार बना रही हैं, क्योंकि लोगों ने अब फिजिकल वर्कआउट करना छोड़ दिया है, खान पान में प्रोसेस्ड और पैकेज फ़ूड ज़्यादा लेने शुरू कर दिए हैं. जिसकी वजह से धीरे-धीरे शरीर पर असर होता है और रेगुलर चेकउप नहीं करने की वजह से कोई नई बीमारी जो शरीर मे पैदा हो रही होती है उस के बारे में लोगो को तुरंत पता नहीं चलता है. 


किस राज्य में कितना बड़ा है आंकड़ा


आईसीएमआर की रिपोर्ट के मुताबिक गोवा में (26.4%), पुडुचेरी में (26.3%) और केरल में (25.5%) डायबिटीज का सबसे उच्चतम प्रसार देखा गया. इसके साथ ही प्री डायबेटिक के मरीज भी तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसमें रिपोर्ट के हिसाब से यूपी में प्री-डायबिटीक के मरीज ज्यादा हैं. यूपी में मधुमेह से पीड़ित हर व्यक्ति के मुकाबले प्री-डायबिटीज वाले लगभग चार लोग हैं. इसका मतलब है कि ये लोग जल्द ही मधुमेह रोगी बन जाएंगे. 


साल 2019 में यह आंकड़ा 70 मिलियन के करीब था जब डायबिटीज का आंकड़ा भारत मे 11.4 फीसदी था. हालांकि यह स्टडी अगले कुछ सालों में यूपी, बिहार, मध्‍य प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश जैसे कम प्रसार वाले राज्यों में डायबिटीज के मामलों के विस्फोट की चेतावनी देती है. 


'सरकार को उठाने होंगे कड़े कदम'


इस रिपोर्ट के बाद जब आकड़ों में सुधार को लेकर डॉक्टर अरुण गुप्ता से बात की तो उन्होंने कहा कि, 'इसमें केंद्र और राज्य सरकारों को कड़े कदम उठने होंगे. सबसे पहले लोगों के बीच डायबिटीज को लेकर खासतौर से जागरूकता लानी होगी तभी इसको सुधारा जा सकता है. लोगों को टाइम टू टाइम अपने चेकउप करवाने चाहिए. डायबिटीज और हाइपरटेंशन साथ में होती है तो ज़्यादा खतरनाक होती है इसलिए लाइफस्टाइल को सुधारना बहुत जरूरी है ताकि इसको कंट्रोल किया जा सके. 


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