नई दिल्ली: लेडी श्रीराम (एलएसआर) कॉलेज की एक छात्रा और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एक छात्र को 2021 के संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों को बढ़ावा देने और युवा परिवर्तनकारियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिष्ठित डायना पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. एलएसआर कॉलेज की 21 वर्षीय देवांशी रंजन अंतिम वर्ष की छात्रा हैं. वह लाडली फाउंडेशन ट्रस्ट नामक एनजीओ के साथ काम करते हुए कोविड-19 महामारी के बीच गरीब बच्चों विशेषकर छात्राओं की पढ़ाई में मदद कर रही हैं.


वहीं जामिया मिल्लिया इस्लामिया में बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर (बी.आर्क) में चौथे वर्ष के छात्र कैफ अली को सतत आश्रय का डिजाइन तैयार करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है. विश्वविद्यालय ने एक बयान में बताया कि उनके डिजाइन से कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिली. जामिया के बयान के अनुसार, 'अली ने प्रीफेब्रिकेटेड एक सतत आश्रय डिजाइन किया जिससे न सिर्फ संक्रमण के प्रसार में मदद मिली बल्कि इसमें भविष्य में दुनिया भर में शरणार्थियों को रखा जा सकता है.'


उनका यह डिजाइन अब लागोस, नाइजीरिया में भी लागू किया जा रहा है. भारत सरकार, राष्ट्रमंडल और संयुक्त राष्ट्र ने जलवायु परिवर्तन का समाधान करते शीर्ष 11 उभरते नवाचार स्टार्टअप के रूप में इसकी सराहना की है. वहीं पुरस्कार मिलने के बाद देवांशी रंजन का कहना है, 'पांच मई को पता चला कि मुझे डायना पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. मैं बेहद उत्साहित थी, लेकिन 28 जून को डिजिटल समारोह शुरू होने तक अपने परिवार के अलावा किसी और के साथ यह खबर साझा नहीं कर सकी.'


उन्होंने कहा, 'मेरा काम कोविड-19 महामारी से संबंधित राहत कार्य के आसपास केंद्रित था. कई सर्वेक्षणों और खबरों में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों विशेषकर छात्राओं की संख्या में वृद्धि की बात सामने आई, जिनके लिए ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करना आसान नहीं था. मैंने एनजीओ लाडली ट्रस्ट के साथ काम किया और अपने कार्यक्रम 'पठनशाला' के तहत झुग्गी बस्तियों और गांवों के छात्र-छात्राओं के लिए कार्यशालाएं आयोजित कीं.'


फंड जुटाने पर मिला डायना पुरस्कार


इसके अलावा दिल्ली की एक सामाजिक उद्यमी और वारविक विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष की स्नातक छात्रा सना मित्तर (19) को भी डायना पुरस्कार मिला है. मित्तर ने फंड इकट्ठा करने के लिए एक डिजिटल अभियान चलाया था, इसके तहत उन्होंने कोविड-19 महामारी के शुरुआती दिनों में कमजोर समुदायों के लिए 150 स्वयंसेवकों से 5,00,000 रुपये जुटाए. इसके अलावा उन्होंने 40 वंचित बच्चों के लिए मोबाइल फोन खरीदने के लिए भी धन जुटाया ताकि वे लॉकडाउन के दौरान घर से पढ़ाई जारी रख सकें.


क्या है डायना पुरस्कार?


वहीं दुनियाभर में 9 से 25 वर्ष की आयु के 400 लोगों को डायना पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. बता दें कि डायना पुरस्कार वेल्स की राजकुमारी डायना की स्मृति में दिया जाता है. इस पुरस्कार को किसी युवा व्यक्ति के सामाजिक कार्यों या मानवीय प्रयासों के लिए दिया जाने वाला 'सर्वोच्च सम्मान' माना जाता है. इस पुरस्कार की स्थापना 1999 में गॉर्डन ब्राउन की अध्यक्षता में एक बोर्ड द्वारा की गई थी. डायना पुरस्कार के वर्तमान संरक्षकों में यूके के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन, डेम जूलिया सैमुअल और पूर्व स्कॉटिश प्रथम मंत्री जैक मैककोनेल शामिल हैं.


यह भी पढ़ें: जामिया मिलिया के छात्रों ने LIFF में 'ढाई पहर' फिल्म के लिये जीता आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट पुरस्कार