क्या बिहार में फिर से जातीय नरसंहार की शुरुआत हो गई है? मधुबनी जिले के बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के महमदपुर गांव में होली के दिन एक ही जाति के पांच लोगों की जिस निर्मम तरीके से हत्या की गई, उसे नरसंहार ही कहा जायेगा. हत्याकांड का मामला अब बड़ा तूल पकड़ चुका है और विपक्ष के साथ ही सरकार के ही एक मंत्री ने इसके लिए अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.घटना के पांच दिन बाद भी इस मसले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी हैरान करने वाली है.
बिहार के वन एवं पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज सिंह ने इस घटना को नरसंहार करार देते हुए कहा पुलिस में कुछ निकम्मे अधिकारी बैठे हुए हैं, जिसकी वजह से इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में शामिल एक भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा. सबकी गिरफ्तारी होगी.
वैसे बिहार में जातीय हिंसा व नरसंहार का पुराना इतिहास रहा है लेकिन पिछले करीब डेढ़ दशक से वहां ऐसी कोई बड़ी घटना देखने को नहीं मिली जिसे नरसंहार कहा जा सके.जाहिर है कि यह नीतीश सरकार के लिए चेतावनी के साथ ही चिंता का भी विषय होना चाहिए.आमतौर पर किसी भी राज्य में जातीय हिंसा की शुरुआत किसी छोटे गांव से ही होती है और समय रहते प्रशासन अगर उसे नहीं संभाल पाता,तो वह विकराल रुप लेते हुए दो समुदायों के बीच किसी बड़े दंगे का रुप ले लेती है.इसलिये नीतीश सरकार को इस घटना के दोषियों से इसलिये भी सख्ती से निपटना होगा,ताकि जातीय हिंसा की यह चिंगारी शोला बनकर राज्य के अन्य हिस्सों को भी अपनी चपेट में न ले पाये.
इस हत्याकांड पर सियासत भी तेज हो गई है.राजद के विधायक व लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने सरकार को जमकर लताड़ा है.सीएम नीतीश कुमार की चुप्पी को मुद्दा बनाकर तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया के जरिए उन पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने इसे लेकर एक ट्वीट किया है जिसमें सारी मर्यादाएं लांघ दी हैं. उन्होंने चुप्पी को मुद्दा बनाते हुए नीतीश कुमार के लिए बहरा, अंधा और गूंगा तक जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मधुबनी के मोहम्मदपुर गांव में सत्ता संरक्षित अपराधियों ने होली के दिन एक ही परिवार के पांच लोगों का नरसंहार किया है.
वहीं बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अपराधियों द्वारा नरसंहार किया जा रहा है और पुलिस बिहार में शराब ढूंढने में लगी है. ज्ञानू ने सरकार और पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए. विधायक ने कहा कि पुलिस केवल शराब और पैसा कमाने में लग गई है.उनके मुताबिक बिहार में काफी दिनों से नरसंहार बंद था लेकिन इस तरह से शुरुआत किसी तरह से क्षम्य नहीं है.
घटना के बारे में बताया जा रहा है कि तालाब में मछली मारने को लेकर विवाद चल रहा था. उसी विवाद को लेकर इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया गया. घटना के बाद पुलिस का रवैया भी काफी लापरवाही भरा रहा.