White Whal Hvaldimir: रूस की जासूस मानी जाने वाली सफेद बेलुगा व्हेल 'ह्वाल्डिमिर' की मौत 31 अगस्त को हुई थी. जानकारी के अनुसार, नॉर्वे के रिसाविका खाड़ी में मछली पकड़ने गए पिता-पुत्र को व्हेल का शव तैरता हुआ मिला था. अब इस बेलुगा व्हेल की मौत को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है.


अब इस सफेद बेलुगा व्हेल की मौत को लेकर नॉर्वे पुलिस ने अपने बयान में कहा है कि अगस्त में नॉर्वे में मृत पाई गई बेलुगा व्हेल "ह्वाल्डिमिर" की मौत जीवाणु संक्रमण से हुई थी. उसे किसी ने गोली नहीं मारी थी. उसे ये संक्रमण मुंह में छड़ी फंसने से होने वाला घाव से हुआ था. 


मौत पर खड़े ही थे सवाल 


सफेद बेलुगा व्हेल की मौत पर पशु अधिकार संगठन एनओएएच और वन व्हेल ने दावा किया था कि गोली मारकर उसकी हत्या की गई है.  उन्होंने पुलिस रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी.इसके बाद, मत्स्य पालन निदेशालय की ओर से सैंडनेस में पशु चिकित्सा संस्थान ने शव का परीक्षण किया था. इस दौरान उन्होंने पाया कि उसके मुंह में 35 सेंटीमीटर (14 इंच) की छड़ी फंसी हुई थी. नॉर्वे के पुलिस अधिकारी अमुंड प्रीडे रेवहेम ने कहा, "रिपोर्ट से पता चला है कि उसकी मौत जीवाणु संक्रमण की वजह से हुई थी. 


जासूस व्हेल के नाम से हुई थी फेमस 


इस व्हेल का नाम पुतिन के नाम पर रखा गया था. 2019 में पहली बार दुनिया को इसके बारे में पता चला था. ये रूस से 415 किमी दूर नॉर्वे में इंगोया द्वीप के तट पर देखी गई थी. इसके शरीर पर एक पत्ता भी देखा गया था. इसके अलावा उसके शरीर पर कैमरे के साथ मशीनें भी लगी हुई थीं जिस पर रूसी शहर सेंट पीटर्सबर्ग का नाम लिखा हुआ था. बता दें कि रूस की नौसेना व्हेल को ट्रेनिंग देती है. इसी वजह से इसे जासूसी व्हेल माना जाने लगा था. 


मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि यह जानवरों को जासूस बनाने वाले रूसी प्रोजेक्ट का हिस्सा थी. रूस ने कभी भी इस बात को नहीं माना. वहीं, नार्वें में व्हेल को ह्वाल कहते हैं. इसी वजह से ह्वाल और रूसी राष्ट्रपति के नाम को मिलाकर इसका नाम ह्वाल्दिमिर रख दिया गया था.