क्या राजनीतिक दबाव के चलते सौरव गांगुली को जाना पड़ा अस्पताल ? TMC और कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने कही ये बात
तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि हो सकता है ये दबाव राजनीति में लाने के लिए उनपर बनाया गया हो. हालांकि टीएमसी की तरफ से उनपर कभी कोई दबाव नहीं था कि राजनीति में आएं या फिर राजनीति में न आएं.
कोलकाता: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और वर्तमान में बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली दिल का दौरा पड़ने के बाद से अस्पताल में इलाज करा रहे हैं. गांगुली भले ही अस्पताल में हों, लेकिन बंगाल की राजनीति में गाहे बगाहे उनका ज़िक्र छिड़ ही जा रहा है. दरअसल हाल के दिनों में गांगुली के पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से मुलाकात करने और फिर दिल्ली में एक कार्यक्रम में बीजेपी नेता और गृह मंत्री अमित शाह के साथ शामिल होने पर अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि वो बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. गांगुली ने इन अफवाहों को सिरे से खारिज नहीं किया, हालांकि उन्होंने बीजेपी में जाने को लेकर कभी हामी भी नहीं भरी.
इन सब के बीच बंगाल में टीएमसी और बीजेपी के नेताओं की नज़र गांगुली पर ही है, कि आखिर वो क्या फैसला लेंगे. इस बीच सवाल उठने लगें हैं कि क्या राजनीतिक दबाव के चलते सौरव गांगुली को अस्पताल जाना पड़ा? दरअसल कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि सौरव गांगुली को लेकर टीएमसी और बीजेपी राजनीति कर रही थी, जिसको लेकर उनपर दबाव था.
अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी और बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा, "उनपर दबाव था, बंगाल में राजनीति के कारोबारी लोग अब उनको लेकर राजनीति कर रहे हैं. पहले टीएमसी और अब बीजेपी. हम लोग चाहते हैं कि वो क्रिकेट के महानायक बनकर ही रहें."
कांग्रेस के अलावा लेफ्ट के वरिष्ठ नेता अशोक भट्टाचार्य ने भी बिना नाम लिए बीजेपी पर आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "सौरव अलग स्पर्धा से हैं. वहीं लोकप्रिय रहेंगे. अचानक किसी को लग रहा है कि उनको सामने रखकर अपना काम हो जाएगा."
सौरव के करीबी सूत्र की मानें तो कोई संदेह नहीं है कि ये एक अलग ही तरीके का दबाव है. जब लोग हर रोज़ जानना चाहते हैं कि क्या वो राजनीति में आ रहे हैं, तो मन में एक दबाव तो होगा ही. आपको बता दें कि पिछले दो महीनों से ही अटकलें तेज़ थीं कि बंगाल में सौरव गांगुली बीजेपी के प्रमुख चेहरा बन सकते हैं. सौरव के खुद राज्यपाल से मिलने के बाद अटकलें तेज़ हुईं.
तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि हो सकता है ये दबाव राजनीति में लाने के लिए उनपर बनाया गया हो. हालांकि टीएमसी की तरफ से उनपर कभी कोई दबाव नहीं था कि राजनीति में आएं या फिर राजनीति में न आएं. इस बीच बीजेपी ने कांग्रेस और टीएमसी के इन आरोपों का खंडन किया है. बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने एबीपी न्यूज़ को कहा है कि किसी पर कोई दबाव नहीं डाला गया है. मामला जो भी हो, फिलहाल सौरव गांगुली के नाम पर बंगाल की राजनीति गरम है.
ये भी पढ़ें: सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक का साझा बयान, देश-दुनिया में वैक्सीन के प्रभावी वितरण पर प्रतिबद्धता जताई चुनाव से पहले ममता को झटका, बंगाल के एक और मंत्री ने दिया इस्तीफा