West Bengal CM Mamata: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को बीजेपी नेता सुभेंदु अधिकारी के गढ़ समझे जाने वाले पूरब मेदिनीपुर जिले के पुलिस अधीक्षक को सार्वजनिक रूप से फटकार लगायी और पूछा कि क्या राज्यपाल उन्हें धमका रहे हैं और उनके कामकाज में दखल दे रहे हैं. बनर्जी ने पुलिस अधीक्षक अमरनाथ को उनके जिले में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर भी डांटा, जिसके बाद पुलिस अधिकारी ने कहा कि अपराधियों के विरूद्ध जरूरी कार्रवाई की गयी है.


शहर में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक हुई और उसकी लाइव स्ट्रीमिंग की गयी. इस बैठक में बनर्जी के बयान के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया. विपक्षी दलों ने बनर्जी पर ‘अपनी संवैधानिक सीमा’ लांघने का आरोप लगाया जबकि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि चीजों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है. यह घटनाक्रम मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच टकराव के बाद हुई. इसी सप्ताह बनर्जी ने ट्विटर पर राज्यपाल को ब्लॉक कर दिया था.






कानून को हाथ में लेने का प्रयास कर रही हैं ममता


राज्यपाल ने अपने ट्विटर हैंडल पर पुलिस अधीक्षक और मुख्यमंत्री के बीच के संवाद का वीडियो डाल दिया. विपक्ष के नेता सुभेंदु ने बनर्जी पर अधिकारियों के बीच ‘डर का माहौल’ पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने भी कहा कि मुख्यमंत्री कानून को अपने हाथों में लेने का प्रयास कर रहे हैं.


इस बीच विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंदोपाध्याय ने राज्यपाल के इस दावे को बकवास करार दिया कि सदन से पारित विधेयकों को मंजूरी देने में राजभवन में देरी नहीं हो रही है. धनखड़ ने हाल ही में कहा था कि वह किसी भी फाईल को रोककर नहीं रख रहे हैं. उससे पहले बंदोपाध्याय एवं बनर्जी ने आरोप लगाया था कि राजभवन भेजी गयी कई फाइलों को मंजूरी नहीं दी जा रही हैं जिससे प्रशासनिक कामकाज बाधित हो रहा है.


विधानसभा अध्यक्ष ने लगाया राजय्पाल पर सहयोग नहीं करने का आरोप


बंदोपाध्याय ने विधानसभा में अपने चैंबर में कहा, ‘‘ मैं उसी बात को दोहराने से थक गया हूं. यदि राज्यपाल विधानसभा से पारित किये गये कागजातों को मंजूरी देंगे तो वे अपने आप ही लौट आयेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ है.’’ इस बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार राज्य में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ट्रक टर्मिनस को निजी एजेंसी से अपने हाथों में ले लेगी.


उन्होंने अधिकारियों के साथ एक बैठक में कहा कि इन टर्मिनस से उत्पन्न राजस्व सरकारी खजाने में नहीं पहुंच रहा है और उसे दलाल, राजनीतिक दल एवं कुछ स्थानीय अधिकारी मिलकर ‘डकार’ जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम इन ट्रक टर्मिनस को परिवहन विभाग को सौंप रहे हैं.


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