Hijab: हिजाब और स्कार्फ में अंतर, इसका इतिहास और दुनियाभर में विवाद, जानें सबकुछ
Hijab Row: भारत में हिजाब विवाद गरमाया हुआ है. ईरान में महसा अमीनी की मौत के बाद हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. आइये जानते हैं हिजाब के इतिहास और विवादों के बारे में.
Hijab Controversy Around The World: इस समय देश और दुनिया (World) में हिजाब (Hijab) पर खासी चर्चा हो रही है. इसकी दो वजहें हैं- एक कर्नाटक हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Controversy) और दूसरा ईरानी महिला (Iranian Woman) महसा अमीनी (Mahsa Amini) की हिजाब विवाद के चलते मौत. ईरान (Iran) में इस मामले पर काफी घमासान मचा है.
कर्नाटक हिजाब मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चल रही है. गुरुवार (13 अक्टूबर) को शीर्ष अदालत कर्नाटक हिजाब विवाद पर अंतिम फैसला नहीं सुना सकी. दो न्यायमूर्तियों की राय अलग थी. अब इस मामले को अदालत की बड़ी पीठ को सौंपने की सिफारिश की गई है.
कर्नाटक हिजाब विवाद
इस साल मार्च में कर्नाटक हाई कोर्ट ने स्कूलों में हिजाब पहनने के बारे में एक अहम फैसला दिया था. विवाद उडुपी के प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज से शुरू हुआ था. कुछ छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज आने की मांग की थी जबकि कर्नाटक सरकार ने कहा था कि कॉलेजों-स्कूलों में विद्यार्थियों को ड्रेस कोड का पालन करना होगा. इसके बाद कुछ मुस्लिम छात्राओं ने कोर्ट में याचिकाएं दायर कीं. कर्नाटक हाई कोर्ट ने हिजाब पहनकर कॉलेज आने की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था और कहा था कि हिजाब इस्लाम में अनिवार्य धार्मिक परंपरा नहीं है. आखिर क्या इस्लाम में हिजाब का क्या महत्व है, स्कार्फ से ये कैसे अलग है, इसका इतिहास क्या है ईरान के अलावा दुनिया के किन-किन देशों में हिजाब को लेकर विवाद है, आइये जानते हैं सबकुछ.
हिजाब और स्कार्फ में अंतर
हिजाब और स्कार्फ में बुनियादी फर्क यह है कि हिजाब को जहां मुस्लिम महिलाएं धारण करती हैं, वहीं स्कार्फ को पुरुष और महिलाएं दोनों पहनते हैं. माना जाता है कि स्कार्फ पहने का चलन सबसे पहले पुरुषों के बीच शुरू हुआ था. प्राचीन रोम में इसका इस्तेमाल ठंड से राहत के लिए नहीं, बल्कि पसीना पोंछने के लिए शुरू हुआ था. इतिहासकारों के मुताबिक, चीनी शासक चेंग के समय चीन के योद्धाओं और अधिकारियों की रैंक को बताने के लिए स्कार्फ का इस्तेमाल किया जाता था.
सैनिक अपने चेहरे और गर्दन से पसीना पोंछने के लिए स्कार्फ का इस्तेमाल करते थे. 17वीं सदी के आसपास क्रोशिया में सभी रैंक के सैनिकों ने स्कार्फ पहनना शुरू कर दिया था. सैनिकों और अधिकारियों की रैंक दर्शाने के लिए अलग-अलग स्कार्फ थे. अधिकारी रेशम के स्कार्फ पहनते थे तो सैनिक सूती कपड़े से बने स्कार्फ पहनते थे.
जब स्कार्फ बन गया फैशन
पुरुषों के स्कार्फ को क्रैवेट्स भी कहा जाता था. इसके बाद नेकटाई चलन में आई. 19वीं सदी की शुरुआत तक पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए स्कार्फ एक फैशन एक्सेसरी बन गया. 20वीं सदी के मध्य तक स्कार्फ पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए सबसे आवश्यक और वर्सटाइल एक्सेसरी माना जाने लगा. स्कार्फ का इस्तेमाल फुटबॉल टीमों का समर्थन करने के लिए भी किया जाता है.
इस्लाम में हिजाब और इसका इतिहास
हिजाब अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है एक ऐसे कपड़े से है जो महिलाओं को ओट रखने या आढ़ रखने की सुविधा देता है. इसे पर्दा या घूंघट से जोड़कर देखा जाता है. पर्दा या घूंघट का इस्तेमाल इस्लाम के आने से पहले ही चलन में था. ईसा से ढाई हजार साल पहले की मूर्तियों में भी घूंघट की छाप दिखती है.
मेसोपोटामिया, बीजान्टिन, ग्रीक और फारसी साम्राज्यों में अभिजात वर्ग की महिलाएं स्टेटस सिंबल के तौर पर घूंघट रखती थीं. मेसोपोटामिया और असीरिया में स्पष्ट रूप से कानून थे कि कौन सी महिलाएं घूंघट रखेंगी और कौन नहीं. दासियों और वेश्याओं को घूंघट करने की मनाही थी और ऐसा करने पर उन्हें कठोर दंड दिया जाता था.
मोहम्मद पैगंबर के समय हिजाब
उपलब्ध साक्ष्यों के पता चलता है कि अरब में पर्दा पैगंबर मोहम्मद ने शुरू नहीं किया था, बल्कि यह वहां पहले से मौजूद था. खासकर कस्बों की महिलाएं पर्दा करती थीं. हालांकि, सीरिया और फिलिस्तीन जैसे देशों में यह उतना व्यापक नहीं था.
शुरुआती इस्लामी ग्रंथों में हिजाब शब्द पर्दा और एकांत के बीच अंतर नहीं करता है और इसका अर्थ घूंघट या पर्दे के लिए बताया गया.
हिजाब को लेकर क्या कहती है कुरान?
कुरान में एकमात्र आयत इसके बारे में वर्णन करती है. इसमें महिलाओं के ऐसे कपड़े के बारे में बताया गया है जो शील यानी लाज को बढ़ावा देता है. आयत महिलाओं को उनके निजी अंगों की रक्षा करने और पुरुषों की मौजूदगी में छाती ढकने का निर्देश देती है. 627 ईसवी में हिजाब की के बारे में हदीस में वर्णन किया गया. सूरा 33:53 में इसके इस्तेमाल की बात मोहम्मद की पत्नियों के लिए की गई है. इसमें कहा गया है कि जब आप उनकी पत्नियों से कुछ मांगे तो पीछे रहकर कुछ दूरी की आड़ से मांगे. इससे आपके और उनके हृदय पवित्र रहेंगे. जैसे-जैसे मोहम्मद का प्रभाव बढ़ता गया, उनके पास आगंतुकों का आना जाना बढ़ गया. अक्सर ये लोग मोहम्मद के घर के पास ही रात में विश्राम करते थे जोकि उनकी पत्नियों के निवास स्थान से कुछ दूरी पर था. आमतौर पर समझा जाता है कि आयत का उद्देश्य मोहम्मद की पत्नियों को अजनबियों की नजरों से बचाने के लिए था.
मोहम्मद के जीवनकाल के दौरान घूंघट करने के लिए शब्द 'दरबत अल-हिजाब' का इस्तेमाल किया गया जो कि मोहम्मद पैगंबर की पत्नियों के लिए इस्तेमाल किया जाता था. चूंकि मोहम्मद की पत्नियों ने घूंघट का इस्तेमाल किया, इसलिए बाद में उनके अनुयायियों ने भी इसके चलन को बढ़ावा दिया और इस प्रकार इस्लाम में इसे महिलाओं के लिए एक अहम पहनावा माना जाने लगा.
हिजाब पर ईरान में विवाद
हिजाब पर ताजा विवाद ईरान में शुरू हुआ. पिछले दिनों 22 वर्षीय महसा अमीनी नाम की ईरानी महिला को हिजाब न पहनने के कारण पुलिस ने हिरासत में ले लिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने अमीनी के साथ मारपीट की, जिससे सिर में चोट लगने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. बाद में इलाज के दौरान महसा अमीनी की मौत हो गई. इसके बाद ईरान में महिलाओं और युवतियों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने हिजाब के विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिए.
ईरानी महिलाओं के विरोध प्रदर्शन को दुनिया के कई देशों के लोगों का साथ मिला. पिछले दिनों भारत में भी वाराणसी में महसा अमीनी मामले पर विरोध प्रदर्शन किया गया था. ईरान से सोशल मीडिया पर आए कुछ वीडियो में महिलाएं अपने बाल काटकर प्रदर्शन करती नजर आईं तो एक ईरानी अभिनेत्री ने अपने बदन से एक-एक कर कपड़े उतारकर विरोध जताया.
इन देशों में हिजाब पर विवाद
फ्रांस
11 अप्रैल 2011 को फ्रांस में निकोला सारकोजी की सरकार ने सार्वजनिक जगहों पर पूरे चेहरे को ढकने वाले हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. कानून का उल्लंघन करने पर जुर्माने का प्रावधान किया गया. सरकार ने पर्दे को महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बताया था. फ्रांस में अगर कोई किसी महिला के बुर्का या हिजाब पहनने पर मजबूर करता है तो उसके खिलाफ भी करीब 30 हजार यूरो के जुर्माने का प्रावधान है.
बेल्जियम
2011 में ही जुलाई में बेल्जियम ने अपने यहां पूरा चहरा ढकने वाले पर्दे पर प्रतिबंध लगा दिया था. 2017 में यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय ने बेल्जियम के कानून को बरकरार रखा था.
नीदरलैंड
नीदरलैंड में सार्वजनिक जगहों और वाहनों में सफर करने के दौरान मुस्लिम महिलाओं के बुर्का और हिजाब पहने पर प्रतिबंध लगाने की मांग 2016 में उठी थी. जून 2018 में नीदरलैंड ने कानून पारित कर इस पर प्रतिबंध लगा दिया.
इटली
इटली के नोवारा शहर समेत कुछ हिस्सों में मुस्लिम महिलाओं के चेहरा ढकने पर प्रतिबंध है. नकाब पर प्रतिबंध पूरे देश में लागू नहीं है.
ऑस्ट्रिया
ऑस्ट्रिया में अक्टूबर 2017 को शिक्षण संस्थानों और अस्पतालों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने वाले नकाब पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
स्पेन
स्पेन के कुछ हिस्सों में नकाब से चेहरा ढकने पर प्रतिबंध है. 2010 में बार्सिलोना के नगर निगम ने बाजारों और पुस्तकालयों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर पूरा चेहरा ढकने वाले नकाबों पर प्रतिबंध लगा दिया था. लीडा शहर में लगाए गए प्रतिबंध के फैसले को फरवरी 2013 में सु्प्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था और उसे धार्मिक आजादी के खिलाफ बताया था.
जर्मनी
जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मार्केल ने 6 दिसंबर 2016 को पूरा चेहरा ढकने वाले नकाब पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी. हालांकि, अभी तक ऐसा कोई कानून अमल में नहीं आया है लेकिन ड्राइविंग के दौरान महिलाओं के चेहरा ढकने पर प्रतिबंध है.
नॉर्वे
नॉर्वे में जून 2018 में एक कानून पारित किया गया, जिसके अनुसार, शिक्षण संस्थानों में चेहरा ढकने पर रोक लगा दी गई थी.
ब्रिटेन
ब्रिटेन ने अपने शिक्षण संस्थानों को ड्रेस कोड लागू करने की छूट दी है. अगस्त 2016 में बुर्का पर प्रतिबंध लगाने वाला एक पोल कराया गया था, जिसमें 57 फीसदी लोगों ने प्रतिबंध के पक्ष में मत दिया था.
अफ्रीका
अफ्रीका में 2015 में कई आत्मघाती हमलों में बुर्का पहनने वाली महिलाओं का नाम आया था. इसके बाद चाड, उत्तरी कैमरून, नीजेर और कांगो में पूरा चेहरा ढकने वाले नकाब पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
तुर्की
तुर्की के संस्थापक मुस्तफा कमाल अतातुर्क ने मुस्लिम महिलाओं के पर्दे को पिछड़ी सोच का प्रतीक बताया था. देश में गर्दन और पूरा चेहरा ढकने वाले नकाब पर प्रतिबंध है जबकि 2008 में संविधान में संशोधन कर विश्वविद्यालयों में ढीले बंधे हिजाब को स्वीकृति दी गई. 2013 में तुर्की के राष्ट्रीय संस्थानों में महिलाओं के हिजाब पहनने पर प्रतिबंध वापस ले लिया गया लेकिन न्यायपालिका और सेना में महिलाएं इसे नहीं पहन सकती हैं. 2016 में महिला पुलिसकर्मियों को हिजाब पहनने की अनुमति दे दी गई.
डेनमार्क
डेनमार्क में 2018 में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. कानून का उल्लंघन करने पर सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान किया गया.
रूस
रूस में स्वातरोपोल इलाके में मुस्लिम महिलाओं के हिजाब पहनने पर रोक है. 2013 में रूस के सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रतिबंध को बरकार रखा था.
स्विटरलैंड
स्विटरलैंड में 2013 में 65 फीसदी देशवासियों ने हिजाब पर प्रतिबंध का समर्थन किया था. इसके बाद 26 प्रांतों में महिलाओं के हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया.
बुल्गारिया
बुल्गारिया में 2016 में एक कानून पारित किया गया, जिसके मुताबिक, सार्वजनिक जगहों पर चेहरा ढकने वाली महिलाओं पर जुर्माना लगाया जाता है या उनकी सुविधाओं में कटौती कर दी जाती है.
चीन
चीन में सार्वजनिक जगहों पर मुस्लिम महिलाओं के हिजाब पहनने या पर्दा करने पर पूरी तरह पाबंदी है.
इन मुस्लिम देशों में हिजाब
मुस्लिम देश सीरिया और मिश्र में शिक्षण संस्थानों में चेहरा ढकने वाले हिजाब पर प्रतिबंध है. कोसोवो में भी स्कूल और कॉलेजों में छात्राओं के हिजाब पहनने पर प्रतिबंध है. ट्यूनीशिया, मोरक्को, अजरबैजान और लेबनान में हिजाब पहनने को लेकर सख्त नियमों का पालन करना होता है.
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