नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते-साधते वरिष्ठ पार्टी नेता सलमान खुर्शीद का बचाव किया. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में अलग-अलग राय होती हैं, सलमान खुर्शीद जी यहां बैठे हैं. कुछ दिनों पहले उन्होंने अलग राय दी. लेकिन मैं अलग राय देने वाले खुर्शीद जी की रक्षा करूंगा. लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि जब पार्टी आरएसएस और बीजेपी से लड़ाई लड़ रही है, तब हमें सबको मिलकर और प्यार से काम करना होगा.
दरअसल पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने पिछले दिनों दो ऐसे बयान दिये हैं जब पार्टी बैकफुट पर दिखी. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ लाए गये पार्टी के महाभियोग प्रस्ताव का विरोध किया था. उसके बाद उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिर्सिटी के एक कार्यक्रम में कहा था कि कांग्रेस के हाथ 'मुस्लिमों के खून' से सने हैं.
राहुल गांधी ने दिल्ली में जन आक्रोश रैली को संबोधित करते हुए कहा, ''बीजेपी के अध्यक्ष और नरेंद्र मोदी कभी ऐसी बात नहीं कर सकते हैं, क्योंकि उनकी पार्टी में एक ही आदमी की चलती है.'' राहुल ने कहा कि बीजेपी में अरुण जेटली, आडवाणी, किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री की बात नहीं सुनी जाती, वहां सिर्फ मोदी और शाह की सुनी जाती है.
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दरअसल, राहुल के सामने ग्रैंड ओल्ड पार्टी से 'ग्रैंड ओल्ड एंड यंग पार्टी' बनाने की चुनौती है. जब राहुल ने मां सोनिया गांधी से दिसंबर में पार्टी की कमान ली तो सभी यही समझ रहे थे की वह अपनी टीम और संगठन में केवल अब युवाओं को तरजीह देंगे. लेकिन वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी और उसकी आशंका को देखते हुए संगठन में उन्हें तवज्जो दी गई. राहुल पार्टी में वरिष्ठ और युवा नेताओं में सामंजस्य बैठाने की कोशिश कर रहे हैं. सलमान खुर्शीद भी अल्पसंख्यक चेहरा के साथ-साथ कानून के जानकार हैं. शायद यही वजह है कि बयानबाजी से पार्टी की बनने वाली खराब छवि के बावजूद राहुल इशारों-इशारों में उनका साथ दे रहे हैं.
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