मुंबई: मुंबई के नजदीक नवी मुम्बई में एक नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ के आरोपों में घिरे महाराष्ट्र के डीआईजी निशिकांत मोरे को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है. छेड़छाड़ का आरोपी DIG फरार है और जमानत याचिका रद्द होने से DIG की मुश्किलें बढ़ गई हैं. साथ ही पीड़ित लड़की भी सुसाइड नोट लिखकर लापता है.


महाराष्ट्र पुलिस का DIG निशिकांत मोरे एक नाबालिक लड़की से छेड़छाड़ का आरोपी है.  छेड़छाड़ के मामले में कोर्ट ने DIG मोरे की जमानत याचिका खारिज की है. यह केस अब और भी गंभीर इसलिए हो गया है क्योंकि नाबालिक पीड़िता घर से लापता हो गई है और उसके घर पर एक सुसाइड नोट मिलने से हड़कंप मच गया है. महाराष्ट्र पुलिस के DIG निशिकांत मोरे  17 साल की नाबालिक पीड़िता के पिता दोस्त हैं.


DIG पर आरोप है कि वह अपने दोस्त की बेटी पर गलत नजर रखता था.  5 जून 2019 के दिन नाबालिक लड़की का 17वां जन्मदिन था. उसी दिन DIG मोरे अपनी पत्नी (दूसरी पत्नी) के साथ केक लेकर घर पहुंच गया. उसके बर्थडे पार्टी में आने को बहुत सामान्य तरीके से लिए गया, लेकिन केक काटने के दौरान DIG ने जो हरकत की उसके बाद सभी की आंखे खुली की खुली रह गई. केक खिलाने के नाम पर DIG मोरे ने लड़की के सीने पर गिरा केक उठाकर खाने की कोशिश की. DIG मोरे का यह व्यवहार लड़की के परिवार को बड़ा अटपटा सा लगा. DIG मोरे की पत्नी जो खुद मोबाइल से वीडियो बना रही थी उसने भी DIG पर कटाक्ष किया है.


बर्थडे पार्टी के बाद जब परिवार में DIG मोरे के गलत हरकत की बात उठी तो नाबालिक पीड़िता ने बताया कि DIG मोरे पहले भी उसे गलत तरीके से छूता रहा है और जबरन किस भी कर चुका है .इसके बाद परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. चौकाने वाली बात यह कि पीड़िता और उसका परिवार 6 महीने तक संघर्ष करता रहा पर नवी मुंबई पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया. दिसंबर महीने में लड़की ट्यूशन की जगह से अचानक लापता हो गई . पुलिस को जांच के दौरान लड़की मिली. लड़की ने पुलिस को बताया कि DIG मोरे उसका पीछा कर रहा था इसलिए वो एक इमारत के टॉयलेट में छुप गई थी. DIG के इस हरकत के बाद पुलिस ने बर्थडे पार्टी में हुई छेड़छाड़ मामले में FIR दर्ज कर ली है. पीड़िता ने पॉक्सो कानून के तहत डीआईजी मोरे के खिलाफ नवीमुंबई के तलोजा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई.


DIG निशिकांत मोरे ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी. जिसे पनवेल कोर्ट ने खारिज कर दिया. मोरे की याचिका का विरोध करते हुए तालोजा पुलिस ने तर्क दिया कि पीड़िता लापता है और ऐसी परिस्थिति में आरोपी को जमानत देना सही नहीं होगा. इस पर अदालत ने जमानत याचिका रद्द कर दी और साथ ही कोई भी अंतरिम संरक्षण देने से भी इनकार कर दिया. राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि मोरे इन दिनों फरार चल रहे हैं और उन्हें सस्पेंड कर दिया है .


अब मामला और भी गंभीर हो गया है क्योंकि परिवार का आरोप है कि लड़कीं DIG से परेशान होकर लापता है और मौत को गले लगाना चाहती है. लड़की के साथ-साथ इस केस का एक गवाह लड़का भी लापता है. पीड़िता सोमवार रात से अपने नवीमुंबई स्थित घर से लापता है. परिजनों ने उसके लापता होने का मामला दर्ज कराया है. घर से लड़की का एक सुसाइड नोट मिला था जिसमें उसने डीआईजी के दबाव में आत्महत्या करने की बात लिखी है.


नोट में पीड़िता ने लिखा, ''आप सभी के अपमान के लिए मैं माफी मांगती हूं, मुझे मत ढूंढना. मैं अब नहीं मिलूंगी और ना इस जिंदगी में रहना चाहती हूं. इसीलिए मेरे बिना जीना सीख लेना.'' पुलिस के अनुसार पीड़िता ने पत्र में ट्रेन के नीचे आकर जान देने की बात लिखी है. पत्र में पीड़िता ने डीआईजी को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार बताया है. पत्र में लड़की ने छह जनवरी की रात 12 बजे का समय लिखा है. बता दें कि पीड़िता और डीआईजी के परिवार के बीच पारिवारिक संबंध थे. इसके अलावा दोनों परिवारों में संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है.


पीड़ित परिवार पर दबाव कितना है और इस केस की गंभीरता को इस बात से समझा जा सकता है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार काफिले का आधिकारिक ड्राइवर पुलिस कांस्टेबल दिनकर साल्वे भी घेरे में है. आरोप है कि दिनकर साल्वे ने पनवेल कोर्ट में जाकर पीड़ित परिवार को धमकाया. सवाल यह है कि मुम्बई में काम करने वाला ड्राइवर , पनवेल कोर्ट में क्या कर रहा था ? सूत्रों से पता चला है कि DIG मोरे जब मुम्बई में ACP हुआ करता था उस वक्त दिनकर साल्वे साथ मे काम करता था और मोरे का बेहद करीबी था. दिनकर साल्वे का कोर्ट में धमकाने का वीडियो सामने आने के बाद दिनकर साल्वे पर जांच जारी है. एक तरफ जहां नवी मुंबई पुलिस टीम पीड़िता लड़की की खोजबीन में जुटी हुई हैं. वहीं आरोपी DIG मोरे पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. DIG निशिकांत मोरे फरार है और ऊपरी अदालत में जमानत याचिका कर सकता है.


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