नई दिल्ली: देश भर में आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर उत्साह का माहौल है. हरे कृष्णा का मंत्र देश भर में गूंज रहा है. लगभग 5000 साल पहले मथुरा में विष्णु के अवतार श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. वासुदेव देवकी नंदन के जन्म दिन के उत्सव के बीच कोरोना का खतरा भी है. दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में कोरोना के मौजूदा खतरे के बीच सावधानी के साथ पूजा अर्चना की जा रही है. भक्तों की श्रद्धा तो वही है, लेकिन पूजा पाठ अब कोरोना की स्थिती को देखते हुए किया जा रहा है.


मंदिर के मुख्य द्वार पर सैनिटाइज़ेशन चैम्बर है, जिससे गुज़र कर आप मंदिर के अंदर दाखिल होंगे. बिना मास्क के किसी को भी प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है. साथ ही जगह जगह पर सावधान करने के लिए, सामाजिक दूरी बनाएं रखने के लिए निशान चिन्हित किए गए हैं.


फूलों से भगवान की छवि को सजाया गया है, लेकिन किसी को भी मूर्ति के पास जाने की इजाज़त नहीं है. दूर से ही लोग दर्शन कर सकते हैं. आरती भी मात्र चुनिंदा लोगों को करने को मिल रही है, वो भी जो परिवार के साथ आ रहे हैं. मंदिर में प्रवेश और निकलने के लिए अलग अलग रास्ते बनाए गए हैं. समाजिक दूरी के साथ ही भजन कीर्तन किया जा रहा है.


यही नहीं समाजिक दूरी को बनाए रखने के लिए वॉलिंटियर्स मौजूद हैं जो लोगों में दूरी बना रहें हैं. हर साल मंदिर में हज़ारों की भीड़ एकजुट होती नज़र आती है, लेकिन कोरोना के चलते लोगों की संख्या में भी काफ़ी ज़्यादा कमी आई है. इस्कॉन मंदिर के वाईस प्रेजिडेंट अमोघ दास बताते हैं के कई महीने पहले ही आज के दिन की तैयारियां शुरू हो गई थी. सभी तरह की गाइडलाइन्स का पालन किया जा रहा है, बिना मास्क के किसी को भी प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है.


दर्शन की ऑनलाइन व्यवस्था की गई
कोरोना वायरस के बीच मंदिर ने भक्तों के दर्शन के लिए ऑनलइन व्यवस्था भी की है. इस प्रक्रिया में भक्तों ने ऑनलाइन अपना पंजीकरण करवाया, जिसके बाद प्रसाद से लेकर भगवान को अर्पित करने वाली सभी सामग्री लोगों के घरों तक पहुंचा दी गई. पूजा 5 अलग अलग भागों में हो रही थी और इसके लाइव प्रसारण से देश-विदेश में 24 घंटे तक भक्त दर्शन कर सकते हैं. जलाभिषेक और आरती डिजिटल रखी जा रही है, जो घरों से नहीं निकल सकते उनके लिए ख़ासकर जो बुज़ुर्ग हैं या बच्चें हैं. साथ ही घरों पर प्रसाद तक पहुंचाया जा रहा है.



इस सब की तैयारी पिछले तीन महीने से चल रही थी. इसके लिए मंदिर की कमेटी के कई लोगों की टीम जुटी थी. ये सभी भक्तों का पंजीकरण कराने से लेकर लाइव कनेक्ट करवाने तक काम कर रहें हैं. लोगों को डिजिटल दर्शन के लिए स्लॉट दिए गए हैं. एक स्लॉट में केवल 10 मिनट के लिए भक्त जुड़ सकता है. इसी डिजिटल कमेटी से जुड़े अनिल जैन का कहना है कि लगभग 250 से 300 लोग अपना पंजीकरण करवा चुके हैं. कोरोना को ख़तरे को देखते हुए भीड़ कम करने और जो लोग मंदिर नहीं पहुंच पा रहे उनको दर्शन करवाना ही इस डिजिटल भक्ति का उद्देश्य है.


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