Digital Market: भारत में तेजी से बढ़ रहे डिजिटल मार्केट की गड़बड़ियों को तुरंत ठीक करने की जरूरत- CCI
Digital Market In India: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission Of India) के अध्यक्ष ने कहा है कि भारत में डिजिटल मार्केट तेजी से बढ़ रहा है. इसकी गड़बड़ियों को तुरंत ठीक किया जाना चाहिए.
Digital Market In India: भारतीय भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के अध्यक्ष अशोक कुमार गुप्ता का कहना है कि भारत में डिजिटल मार्केट (Digital Market) सबसे तेज गति से बढ़ रहा है और आने वाले समय में ये भारतीय की बढ़ती अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में अपना बहुत बड़ा योगदान देगा. उन्होंने ये भी कहा कि डिजिटल मार्केट का तेजी से विस्तार हो रहा है और ये बड़ा मार्केट बन सकता है, इसलिए मार्केट में आ रही गड़बड़ियों को तुरंत दुरुस्त किया जाना चाहिए.
गुप्ता ने प्रतिस्पर्धा कानून (Competition Law) पर शनिवार को आयोजित वार्षिक सम्मेलन (Annual Summit) को संबोधित करते हुए कहा, "इसके लिए एक नियामक ढांचा बनाए जाने की आवश्यकता है, जिसमें इस बाजार में आ रहीं मौजूदा चुनौतियों से निपटने के रास्ते हों. इसके लिए उपयोग किए गए डेटा और ऑनलाइन रियल एस्टेट पर ध्यान देने के साथ उनपर नियंत्रण रखकर सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपभोक्ता विकल्पों को आकार देने की जरूरत है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसके सभी प्लेटफॉर्म तेजी से आगे बढ़ रहे हैं."
बाजार पर नियंत्रण कई चिंताओं का कारण है
उन्होंने कहा कि डिजिटल बाजार के इन प्लेटफार्मों पर गेटकीपर जैसा नियंत्रण कई तरह की प्रतिस्पर्धा पर चिंता को जन्म दे रहा है. गुप्ता ने कहा कि इन 'तथाकथित पारिस्थितिक तंत्र' का प्रभाव इस बाजार के लिए नीतियों में अस्पष्टता और व्यावसायिक उपयोगकर्ताओं और संभावित प्रतिस्पर्धियों दोनों पर डेटा लाभ के कारण हो रहा है.
गुप्ता ने कहा, "भारत आज सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते डिजिटल उपभोक्ता आधारों में से एक के रूप में उभर रहा है, इसलिए इसके बाजार की विकृतियों को तुरंत ठीक करने की आवश्यकता है. इस संबंध में प्रवर्तन और नीति की चुनौतियों का समाधान करने के लिए, डिजिटल बाजार की जटिलताओं को अनुकूलित करने और प्रतिबिंबित करने के लिए नियामक ढांचे की आवश्यकता है. इसे एक बार फिर से सही से परिभाषित करने और व्यक्तिगत और गैर-व्यक्तिगत डेटा के बारे में गुणवत्ता और गोपनीयता के अन्य आयामों को जोड़ना जरूरी है, साथ ही मुद्दों की जल्द पहचान करके और तेजी से इसकी गड़बड़ियों को ठीक किया जाना चाहिए."
डिजिटल मार्केट की कई चुनौतियां हैं
उन्होंने कहा कि इस बाजार की चुनौतियां बहु-आयामी हैं और इसके साथ ही अविश्वास, विश्लेषणात्मक और वैचारिक ढांचे भी डिजिटल बाजार की जटिलताओं को और बढ़ाते हैं, जिसपर ध्यान देने की जरूरत है. इसके लिए एक और चुनौती यह है कि डेटा से संबंधित आचरण के लिए न केवल व्यक्तिगत और गैर-व्यक्तिगत डेटा, बल्कि उसके आसपास क्लासिक एंटीट्रस्ट को भी प्रासंगिक संपत्ति के रूप में बदलने की आवश्यकता है. इसके साथ ही प्रतिस्पर्धा के अन्य आयामों जैसे गुणवत्ता और गोपनीयता को भी जोड़ने की आवश्यकता है.
'डिजिटल बाजार में भले ही गिरावट का खतरा हो, लेकिन..'
सीसीआई चीफ ने कहा कि भले ही डिजिटल बाजार में गिरावट का खतरा हो, लेकिन तेजी से बढ़ रहे मार्केट की गड़बड़ियों की पहचान कर दुरुस्त करना जरूरी है, उन्होंने कहा, इसके लिए नीति निर्माताओं और नियामकों के लिए चुनौतियों को स्वीकार कर इस बाजार में भरोसे को बनाए रखना और इसके लिए ट्रांसपेरेंसी का ख्याल को जारी रखना चाहिए.
पांच अगस्त को लोकसभा में पेश किए गए नए प्रतिस्पर्धा संशोधन विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों के संबंध में उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य नियामक निश्चितता, तेजी से बाजार सुधार और विश्वास-आधारित कारोबारी माहौल प्रदान करना है. उन्होंने कहा कि चेन्नई और कोलकाता के बाद हितधारकों तक पहुंच को और आसान बनाने के लिए, सीसीआई का जल्द ही मुंबई में एक क्षेत्रीय कार्यालय होगा.
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